नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सवालों के जवाब टि्वटर सहित अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर की जा रहे हैं. पहले पीएम मोदी ने इंटरव्यू में बताया कि बालाकोट एयरस्ट्राइक लेकर उन्होंने विशेषज्ञों को सलाह दी थी कि 'खराब मौसम की वजह से' इसे टाला ना जाए. इसके साथ ही उन्होंने उस दौरान कहा था, 'बादल होने की वजह से भारतीय विमान पाकिस्तानी रडार की पकड़ में आने से बच सकते हैं.' अब एक अन्य वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है, जिसमें पीएम मोदी कह रहे हैं कि उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी की रंगीन तस्वीर क्लिक करने के लिए साल 1988 में डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल किया था. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उस वक्त उन्होंने ईमेल का भी इस्तेमाल किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दावे को कई लोगों ने फेक्ट चेक करते हुए बताया कि ईमेल सर्विस 1995 से पहले थी ही नहीं. अर्थशास्त्री रूपा सुब्रमण्या ने ट्वीट करते हुए लिखा है, '1995 में आधिकारिक तौर पर लॉन्च होने से पहले ही पीएम मोदी ने भारत में साल 1988 में इसका इस्तेमाल कर लिया था.'

इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, 'करीब 1987-88 में मैंने पहली बार डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल किया था. उस वक्त बहुत कम लोग ईमेल का इस्तेमाल करते थे. आडवाणी जी की रैली थी. उस वक्त डिजिटल कैमरे का साइज बड़ा होता था (हाथ से साइज बताते हुए). मेरे पास डिजिटल कैमरा था. मैंने आडवाणी की तस्वीर क्लिक की और उसे दिल्ली भेज दिया. रंगीन तस्वीर प्रकाशित हुई थी. आडवाणी यह देखकर हैरान हो गए और कहा कि आज मेरी रंगीन तस्वीर कैसे छपी.'