नई दिल्ली: राफेल सौदे से जुड़ा हुआ नया खुलासा सामने आया है। फ्रांसीसी अखबार Le Monde की रिपोर्ट के अनुसार, राफेल डील के बाद फ्रांस के अधिकारियों ने अनिल अंबानी की फ्रांस की टेलीकॉम कंपनी के पक्ष में 143.7 मिलियन यूरो की कुल कर वसूली रद्द कर दी। यह विवाद फरवरी और अक्टूबर 2015 के बीच सुलझाया गया था, उस समय जब भारत और फ्रांस 36 लड़ाकू विमानों की बिक्री पर बातचीत कर रहे थे।
अखबार में कहा गया है, 'फरवरी और अक्टूबर 2015 के बीच, जब फ्रांस भारत के साथ राफेल सौदे पर बातचीत कर रहा था, अनिल अंबानी को 143.7 मिलियन यूरो की कर छूट मिली।' अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस अप्रैल 2015 में पीएम मोदी द्वारा घोषित फ्रांस के साथ भारत के राफेल जेट सौदे में एक ऑफसेट साझेदार है।
अनिल अंबानी की रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ्रांस कंपनी की फ्रांसीसी टैक्स अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर जांच की गई थी और 2007 से 2010 की अवधि के लिए करों में 60 मिलियन यूरो का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी पाया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने कर के रूप में 7.6 मिलियन यूरो का भुगतान करने की पेशकश की थी लेकिन फ्रांसीसी अधिकारियों ने इनकार कर दिया और एक और जांच की।
2010 से 2012 की अवधि के लिए एक और जांच फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा आयोजित की गई थी और अनिल अंबानी की कंपनी को अतिरिक्त 91 मिलियन यूरो कर के रूप में देने के लिए कहा गया था।
राफेल डील की घोषणा के छह महीने बाद, फ्रांसीसी कर अधिकारियों ने रिलायंस से निपटान के रूप में 151 मिलियन यूरो की बहुत बड़ी राशि की बजाय 7.3 मिलियन यूरो स्वीकार किए।
राबर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र में ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के एजेंडा लोकसभा चुनाव 2024 एवं…
(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) मोदी जी ने क्या कुछ गलत कहा था? राहुल गांधी अमेठी…
आगरादिनों दिन गिरती मोदी जी की भाषा भाजपा के हार की गारंटी है. मोदी जितना…
यौन उत्पीड़न के आरोपी जद (एस) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एसआईटी ने शिकंजा कसना…
विराट कोहली को अपने स्ट्राइक रेट के चलते कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।…
मोबाइल भुगतान फर्म पेटीएम के लिए एक बड़ा झटका, अध्यक्ष और मुख्य परिचालन अधिकारी भावेश…