नई दिल्ली: गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक किरोड़ी सिंह बैंसला भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। उनके बेटे विजय बैंसला ने भी पिता के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर की मौजदूगी में बैंसला बीजेपी में शामिल हुए। बैंसला ने गुर्जरों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।

इस अवसर पर बैंसला ने कहा कि वह गुर्जर आरक्षण आंदोलन से पिछले 14 साल से जुड़े हुए हैं और इस दौरान उन्होंने दोनों दलों (कांग्रेस, भाजपा) के मुख्यमंत्रियों को नजदीक से अनुभव किया है और दोनों दलों की कार्यशैली, विचारधारा देखी। उन्होंने कहा कि वह भाजपा में इसलिए शामिल हो रहे हैं क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित हैं, जो साधारण से साधारण आदमी का सुख-दुख समझते हैं। बैंसला ने कहा कि उन्हें पद का लालच नहीं है और वह चाहते हैं कि न्याय से वंचित लोगों को उनका हक मिले ।

किरोड़ी सिंह बैंसला भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और 2007 में उन्होंने राजस्थान में गुर्जर आंदोलन का नेतृत्व किया। इन्होंने राजस्थान में गुर्जर समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग की। आंदोलन द्वारा आयोजित विरोध मार्च कई बार हिंसक झड़पें में बदल गया और व्यापक संपत्ति की क्षति हुई। 2007 में बैंसला ने एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसमें 27 लोग पुलिस के साथ संघर्ष में मारे गए, और मई 2008 तक कुल 43 लोगों की मौत इस तरह की झड़पों में हुई थी, जिनमें से अधिकांश प्रदर्शनकारी थे।

बैंसला ने हिंसा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। मई 2015 में बैंसला के नेतृत्व में हजारों गुर्जरों ने इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था। इस साल भी गुर्जरों का विोध-प्रदर्शन हुआ। जिसके बाद राजस्थान विधानसभा ने गुर्जर समुदाय को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पांच फीसदी आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक पारित कर दिया।

हालांकि समुदाय के नेताओं में इस बात को लेकर संशय है कि इसे कानूनी अमलीजामा पहनाया जा सकेगा क्योंकि इससे पहले दो बार 2009 और 2015 में इसी तरह आरक्षण की मंजूरी को निरस्त कर दिया गया था। राजस्थान हाई कोर्ट ने दोनों बार कहा कि पांच फीसदी आरक्षण प्रदान किए जाने से राज्य में आरक्षण का प्रावधान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से अधिक हो गया है।