नई दिल्ली : चुनाव के मौसम में राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और एक-दूसरे पर जमकर तीखे हमले भी बोल रहे हैं। भष्ट्राचार और घोटालों के आरोपों का सिलसिला अब संस्कृत के श्लोकों तक पहुंच गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को संस्कृत मंत्रों की चुनौती दी है। ममता ने कहा कि पूजा का मतलब केवल तिलक लगाना नहीं होता।
ममता बनर्जी ने कहा, 'पूजा का मतलब केवल तिलक लगाना नहीं होता। मैं अमित शाह और नरेंद्र मोदी को चुनौती देती हूं कि वे मेरे साथ संस्कृत मंत्रों की स्पर्धा करें। इससे पता चल जाएगा कि कौन ज्यादा संस्कृत के मंत्र जानता है। ममता ने कहा कि भाजपा आज तक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बना पाई। वह इसे केवल राजनीतिक मुद्दा बनाती है।'
ममता बनर्जी मोदी सरकार को घेरने का कोई भी मौका अपने हाथ से जाने नहीं देतीं। वह मोदी सरकार की नीतियों का खुलकर विरोध करती आई हैं। कुछ दिनों पहले सारदा चिट फंड घोटाले मामले में पश्चिम बंगाल सरकार और सीबीआई में ठन गई थी। ममता बनर्जी ने इस दौरान भी मोदी और अमित शाह पर तीखा हमला किया।
कुछ दिनों पहले ममता ने कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के दौरान वह चायवाला और चुनाव के बाद राफेलवाला बन जाते हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं और यहां सात चरणों में चुनाव होंगे। भाजपा को इस बार उम्मीद है कि वह इस राज्य में अच्छा प्रदर्शन करेगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मिशन 23 का लक्ष्य रखा है। पिछले चुनावों में भाजपा पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में उभरी है। हाल ही में टीएमसी के एक सांसद भाजपा में शामिल हुए हैं।
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