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गोवा: गैर विधायक को CM बनाकर सरकार बचाना चाहती है भाजपा

पणजी : गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य में सियासी संकट गहराता दिख रहा है। पर्रिकर की गैर-मौजूदगी के बाद उभरी जटिल राजनीतिक स्थिति और कांग्रेस के सरकार बनाने के दावे के बाद भाजपा इस राज्य को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती। राज्य में अपनी सरकार सुनिश्चित करने के लिए उसने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को वहां भेजा है। गडकरी पार्टी के विधायकों के साथ बैठकें कर रहे हैं और भाजपा सरकार की राह आसान करने में जुटे हैं। वहीं, कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है।

इस बीच गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन, एमजीपी के तीन, निर्दलीय तीन और भाजपा के तीन विधायकों ने एक-गैर विधायक को अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की है। इन विधायकों की मांग के अनुसार यदि सीएम कोई गैर-विधायक व्यक्ति बनता है तो उसे चुनाव लड़ने के लिए छह महीने का समय मिल जाएगा। ऐसे में सीएम पद के लिए नार्थ गोवा के सांसद श्रीपद नाइक और राज्यसभा के सांसद विनय तेंदुलकर सबसे बड़े दावेदार के रूप में उभरेंगे।

पर्रिकर की गैर-मौजूदगी में कांग्रेस यहां सरकार बनाने का मौका देख रही है। विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन वह सरकार बनाने से चूक गई थी। साल 2017 में एमजीपी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और निर्दलीय पर्रिकर के नाम पर ही भाजपा को समर्थन देने के लिए एकजुट हुए थे। ऐसे में पर्रिकर की गैर-मौजूदगी भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व पार्टी के पक्ष में अन्य दलों को एकजुट रखने के लिए गडकरी को गोवा रवाना किया है। बता दें कि पर्रिकर का कैंसर के चलते रविवार को निधन हो गया। वह 63 साल के थे।

गोवा विधानसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, 'पर्रिकर के निधन के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन को अपना नया नेता चुनना होगा और इसके बाद उसे नई सरकार के गठन का दावा करना होगा। इस गठबंधन के पास विधायकों के समर्थन का पत्र भी होना चाहिए।'

अधिकारी ने कहा, 'राज्यपाल को यदि लगेगा कि भाजपा सरकार नहीं बना पाएगी तो वह सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए न्योता दे सकती हैं।' कांग्रेस 14 विधायकों के साथ अभी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है जबकि भाजपा के पास 13 विधायक हैं। गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी एवं अन्य के पास तीन-तीन विधायक हैं। जबकि एनसीपी का एक विधायक है।

इस साल की शुरुआत में भाजपा विधायक फ्रांसिस डिसूजा, रविवार को पर्रिकर के निधन एवं कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर एवं दयानंद सोप्ते के त्यागपत्र के बाद गोवा विधानसभा में विधायकों की संख्या घटकर 36 हो गई। पर्रिकर के निधन के समाचार मिलते ही गठबंधन से सहयोगी दलों ने आपात बैठक बुलाई। गोवा की राजनीति में गडकरी की अच्छी पकड़ है। उनके प्रयासों के चलते ही गोवा में भाजपा की पिछली सरकार बन पाई थी जबकि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार नहीं बना पाई।

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