लखनऊ: शहर के कुछ ही लोगों को छोड़कर सभी लोग अपने जीवन को लेकर अनिश्चित है, उनकी यह अनिश्चितता बच्चों की शिक्षा और परिवार की वित्तीय सुरक्षा को लेकर सबसे ज्यादा है। यह चौकाने वाला तथ्य आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेन्स के कराये गये प्रोटेक्शन सर्वे में सामने आया है। सर्वेक्षण के मुताबिक लखनऊ के 93 फीसदी लोग मानते हैं कि उनका जीवन बेहद अनिश्चित है। पिछले एक वर्ष में लखनऊ के लोगों में अनिश्चितता को लेकर वृद्धि हुई है, 2017 में 71 प्रतिशत से लेकर 2018 में 93 फीसदी की वृद्धि हुई है। लखनऊ के लोगों में अनिश्चितता की भावना बढ़ रही है। अनिश्चितता को लेकर जिन 13 शहरों में सर्वे किया गया, उनमें गुवाहाटी के बाद लखनऊ दूसरे नंबर आता है। बढ़ते घरेलू खर्चे (70 प्रतिशत), सेहत से जुडे मुद्दे और उपचार की लागत (68 प्रतिशत) और नौकरी की स्थिरता (65 प्रतिशत) ये ऐसे टॉप पैरामीटर रहे, जिन्हें लेकर लखनऊ के लोग पिछले कुछ वर्षों की तुलना में ज्यादा अनिश्चित महसूस करते हैं। लोग किस बारे में अनिश्चित महसूस कर रहे हैं? खुद और अपने परिवार से जुड़ी चिंताएं लखनऊ के उत्तरदाताओं के जवाबों में सबसे आगे है। 'ड्रीम्स एंड एस्पिरेशन्स' से संबंधित अनिश्चितता 2017 में 60 फीसदी से घटकर 2018 में 40 फीसदी हो गई हैं। जबकि 'बाल शिक्षा' और 'परिवार की वित्तीय सुरक्षा' अभी भी वे मामले हैं जिनके बारे में लोग सबसे अधिक अनिश्चित हैं, लखनऊ अपने बच्चों की रोजमर्रा की जरूरतों और विवाह के बारे में अधिक अनिश्चित है। गंभीर बीमारी या विकलांगता भी शहर के लोगों में एक चिंता का विषय है। लोग अनिश्चितताओं से अवगत हैं लेकिन क्या वे उनका सामना करने के लिए तैयार हैं? लखनऊ में 46 फीसदी लोग जीवन में अनिश्चितता का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार महसूस करते हैं, और यह औसत 44 प्रतिशत से कुछ अधिक है। हालांकि, आधी से अधिक आबादी कुछ हद तक अपनी चिंताओं का सामना करने के लिए खुद को तैयार नहीं मानती है। 5.7 प्रोडक्ट्स प्रति व्यक्ति के औसत पर लखनऊ में जीवन में अनिश्चितता को महसूस कर वित्तीय उत्पादों को अपनाने वाले लोग भी हैं। उनके पास दूसरों की तुलना में वित्तीय उत्पादों का स्वामित्व अधिक है। अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए क्या लोग तैयार हैं? लखनऊ एक पारंपरिक किस्म का बाजार है, जहां 56 फीसदी परिवारों में कमाने वाला शख्स सिर्फ एक ही है, जो बाकी देश से कहीं अधिक है। यह भी एक ऐसा कारण है जो लखनऊ के लोगों के बीच अनिश्चितता को बढावा देता है। लखनऊ में एक तिहाई परिवार अपनी आय के एक चौथाई हिस्से की बचत करते हैं, जो ओवरऑल औसत से अधिक है। लखनऊ में आधे से अधिक लोग सोचते हैं कि जैसे ही आप कमाई शुरू करते हैं, आपको अपनी सेवानिवृत्ति की योजना बना लेनी चाहिए। ऐसा सोचने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है, 2017 में यह संख्या 36 प्रतिशत थी और 2018 में बढकर 56 प्रतिशत हो गई। कितने लोग जानते हैं कि जीवन बीमा वित्तीय रूप से उनकी बेहतर रक्षा कर सकता है? लखनऊ में 90 फीसदी लोग जीवन बीमा पॉलिसी के मालिक हैं, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। जीवन बीमा के प्रति इतना अधिक रुझान होने के बावजूद शहर के लोगों में अनिश्चितता का स्तर बरकरार है, इसका कारण अपर्याप्त बीमा हो सकता है। 74 प्रतिशत और 63 प्रतिशत के साथ लखनऊ के लोगों में चाइल्ड प्लान और एन्डॉमेंट प्लान्स को लेकर राष्ट्रीय औसत से अधिक रुझान देखा गया है। लेकिन, क्या वे पर्याप्त तैयार हैं? आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ और आदित्य बिड़ला केपिटल के डिप्टी चीफ एक्जीक्यूटिव पंकज राजदान ने कहा प्रोटेक्शन सर्वे-2018 के निष्कर्ष वाकई आंख खोलने वाले हैं, क्योंकि यह खुद की और अपने परिवार की रक्षा करने के बारे में व्यापक रूप से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में शहरी भारतीयों की तैयारियों का खुलासा करता है। यह जानकर खुशी होती है कि जीवन में कई अनिश्चितताओं के बावजूद और इन्हें लेकर चिंतित होने के बाद भी लोग अपने परिवार के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता को समझते हैं और उसी दिशा में कदम उठाने को तैयार रहते हैं।