पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की नेतृत्व वाली हम पार्टी महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर नाखुश है. मांझी बुधवार से ही नाराज हैं. पार्टी के सभी नेताओं ने उनकी नाराजगी को जायज ठहराया है. वे पूछ रहे हैं कि आखिर उनकी ताकत को कमतर क्यों आंका गया. उनका कहना है कि जब महागठबंधन में कोई नहीं था तब हम पार्टी थी. नेताओं ने इसे विनाश काले विपरित बुद्धि करार दिया है.

जीतन राम मांझी की नाराज़गी बरकरार की पुष्टि हम पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री महाचंद्र सिंह ने की है. उन्होंने मांझी की नाराजगी को जायज ठहराया है. उन्होंने कहा कि अगर वे अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को ही सम्मान नहीं दिला सकते हैं, तब महागठबंधन में रहकर करेंगे क्या.

महाचंद्र सिंह कहते हैं कि जिस तरीके से कल (बुधवार) की बैठक में जीतन राम मांझी को हल्के में लिया गया वो सरासर नाइंसाफ़ी है. सभी को मालूम है कि बिहार में मांझी की क्या वजूद और हैसियत है. उन्होंने कहा कि मैं जीतन राम मांझी से मिलकर लौटा हूं और यह कह सकता हूं कि अगर उनकी नाराजगी दूर नहीं की गई तो महागठबंधन को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है.

जीतन राम मांझी की पार्टी की नाराज़गी अपने चरम पर है पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अजित सिंह ने भी महागठबंधन के दूसरे घटक दलों पर निशाना साधते हुए कहा है कि मांझी की ताक़त को अगर कमतर आंका गया तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. महागठबंधन को अगर ये लोग कुछ नहीं करेंगे तो हमें करना पड़ेगा.