नई दिल्ली: सरकार के खजाने में आने वाले हर एक रुपए में 70 पैसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के जरिए आएंगे। इसी तरह सरकार हर एक रूपए के व्यय में 23 पैसे राज्यों को करों एवं शुल्कों में उनके हिस्से के रूप में दिया जाएगा।
अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में पेश अंतरिम बजट 2019-20 के अनुसार सरकार की आय का सबसे बड़ा स्रोत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) होगा और हर एक रूपए की प्राप्ति में इसका योगदान 21 पैसे होगा। कॉरपोरेट कर से 21 पैसे, आयकर से 17 पैसे और सीमा शुल्क से चार पैसे प्राप्त होंगे।
इसी तरह कर्ज एवं अन्य देनदारियों से 19 पैसे, केंद्रीय उत्पाद शुल्क से सात पैसे, गैर कर स्रोतों से आठ पैसे तथा कर्ज से इतर पूंजीगत आय से तीन पैसे प्राप्त होंगे। इसी तरह प्रति एक रुपए के खर्च में केंद्रीय करों एवं शुल्कों में राज्यों की हिस्सेदारियों का अंतरण है और इस मद में 23 पैसे खर्च होंगे।
ब्याज भुगतान पर 18 पैसे, रक्षा क्षेत्र पर आठ पैसे, केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर 12 पैसे तथा केंद्र द्वारा वित्तपोषित योजनाओं पर नौ पैसे खर्च होंगे। वित्त आयोग तथा अन्य हस्तांतरण पर आठ पैसे, छूट (सब्सिडी) पर नौ पैसे और पेंशन पर पांच पैसे खर्च होंगे। आठ पैसे अन्य मदों पर खर्च होंगे।
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