लखनऊ: ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी चिंतन एवं शोधपीठ की स्थापना की जाएगी। इस आशय के प्रस्ताव पर विश्वविद्यालय में बुधवार को आयोजित कार्यपरिषद की बैठक में स्वीकृत प्रदान कर दी गई है। साथ परिषद ने अभियंत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय और विज्ञान संकाय के गठन सम्बन्धी डीपीआर को भी अपनी मंजूरी दे दी है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. माहरूख मिर्जा की अध्यक्षता में कार्य परिषद की बैठक हुई। इसमें सदस्यों ने विचार-विमर्श के बाद अभियंत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय में निदेशक नामित करने के लिए पर कुलपति प्रो. मिर्जा को अधिकृत कर दिया है। और परिषद ने अभियंत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के लिए एआईसीटीई में विश्वविद्यालय का नाम दर्ज कराने को कहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर में एक आरकाईव जोन और हेरीटेज जोन बनाने का प्रस्ताव भी बैठक में रखा। जिस पर कार्य परिषद ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अलावा महात्मा गांधी चिंतन एवं शोधपीठ के गठन का प्रस्ताव शासन को भेजने पर भी अपनी मुहर लगा दी। इसके अलावा संस्कृत विभाग एवं लैब पर भी चर्चा हुई, पर उस पर कोई फैसले के लिए अगली बैठक के लिए टल दिया गया। बैठक राज्यपाल (कुलाधिपति) के नामित सदस्यों लविवि के प्रो. सोमेश कुमार शुक्ल, प्रो.ए. चटर्जी, प्रो.बीडी मिश्रा सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।
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