लखनऊ। गोमतीनगर स्थित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के आडिटोरियम में मुकाम फाउण्डेशन द्वारा दिव्यांगजनों के लिए उपकरण वितरण और कंबल वितरण कार्यक्रम ‘‘दिव्यांग उत्थान सहभागिता-वर्ष 2018-19‘‘ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि सांसद कौशल किशोर ने कहाकि मुकाम फाउण्डेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में दिव्यांगजनों को आम जनता के सहयोग से मुकाम फाउण्डेशन द्वारा निःशुल्क ट्राईसाइकिल, व्हीलचेयर, बैसाखी, कान की मशीन और गरीब असहायों को कंबल वितरित गया है। निःशक्तों के हितार्थ निःस्वार्थ भाव से मुकाम फाउण्डेशन द्वारा जो सराहनीय और प्रशंसनीय कार्य किया गया है। उससे कही अधिक सराहना और प्रशंसा के पात्र मुकाम फाउण्डेशन को दान देने वाले दान दाता है। जो मुकाम फाउण्डेशन के इस सराहनीय और प्रशंसनीय कार्य में सहभागी है।

कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि जयदेवी कौशल ने कहाकि सामाजिक नैतिकता की दृष्टि से दिव्यांगजनों का सामाजिक स्तर उठाना, उन्हें सशक्त बनाना आदि पुनीत कार्य हैं। लोग दिव्यांगजनों को अभिशाप समझने के बजाय उनकी शारिरिक क्षति के कारण को दूर करने का प्रयास करें। इससे न केवल मानवता सुरक्षित रहती है बल्कि व्यक्ति का अंतर्मन भी संतुष्ट रहता है। हर व्यक्ति को ऐसे मनोभाव से प्रेरित होना चाहिए। तभी जाकर एक स्वस्थ हिन्दुस्तान और स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते है। हमें दिव्यांगजनों को सामान्य जीवन जीने का अवसर प्रदान करना चाहिए। हमें दिव्यांगजनों का मनोबल बढ़ाना चाहिए। उन्हें जिन्दगी के खेलो में हारने नहीं देना चाहिए उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए हमें हर संभव सहयोग प्रदान करना चाहिए। यदि समाज हमारे दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा की गारन्टी मानवीय अधिकारों के परिपेक्ष्य में दे तो शारिरिक मानसिक आर्थिक कमजोरियों के भार को कम किया जा सकता हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि अशोक सिन्हा ने मुकाम फाउण्डेशन के इस सेवापूर्ण कार्यो की सराहना करते हुए कहाकि संस्था के अध्यक्ष श्री विनीत कुमार हमारे षिश्य थे। आज मुझे अपने शिष्य द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित होने पर गर्व की अनुभूति हो रही है। आज दिव्यांगजनों के सेवार्थ मेरे शिष्य ने जो अद्भूत कार्य किया है। वह अत्यन्त सराहनीय कार्य है। हम यह आशा व्यक्त करते है कि इसी प्रकार पूरी ऊर्जा के साथ समाजहित में श्री विनीत कुमार कार्य करें। ईश्वर इन्हें दिन दूनी रात चौगुनी की रफ्तार से तरक्की प्रदान करें।

कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि संगीता सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों और गणमान्य लोगों का अभिनन्दन किया। उन्होंने कहाकि आमतौर पर व्यक्ति की आय, उसकी क्रय क्षमता, यह बताती है कि व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कैसी है। मगर जब किसी दिव्यांगजन की बात आती है, तो अक्सर हम इस पैमाने को दरकिनार कर देते हैं। दिव्यांगजनों को दयनीय मान लिया जाता है। इसलिए न तो उसकी आर्थिक स्थिति की किसी को कोई चिंता है और न ही उस पर किसी प्रकार के चिंतन की चिन्ता है। क्योंकि उसे दयनीय माना जाता है। इसलिए दिव्यांजनों के कल्याण के लिए तैयार होने वाले कार्यक्रमों और योजनाओं में कृपा का भाव दिखाई देता है। दरअसल इसी सोच को बदलने की जरूरत है। अगर हम यह मानकर चलें कि दिव्यांगजन भी समाज की उपयोगी अंग हैं। तो शायद हम उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में विचार करने के लिए विवष होंगे। इसके बाद जो योजनाएं बनेंगी। वह निश्चय ही दिव्यांगजनों को उनके पैरों पर तो खड़ा कर देगी और उनकी आर्थिक स्थिति को भी सुधारें देगी। दिव्यांगजनों को समाज में सही सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारना सबसे जरूरी है। यही स्थायी समाधाना भी है। इस समाधान की दिशा में मुकाम फाउण्डेशन ने आज अपने प्रथम कार्यक्रम में पहल कर दिया है। उम्मीद है कि मुकाम फाउण्डेशन इस पहल को सार्थक रूप देगा। मैं मुकाम फाउण्डेशन के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूं।