राहुल, सोनिया के लिए छोड़ दीं अमेठी-रायबरेली की सीटें

लखनऊ: लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का ऐलान कर दिया है। सबसे पहले बसपा सुप्रीमो मायवाती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और कहा कि मोदी-शाह के गुरु चेले की नींद उड़ाने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस है। इस दौरान उन्होंने सीटों का ऐलान करते हुए कहा कि दोनों दल 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। रायबरेली और अमेठी की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई है।

मायावती और अखिलेश की ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस शनिवार को लखनऊ के गोमती नगर स्थित होटल ताज में हुई. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन का ऐलान किया गया.

मायावती ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बोलते हुए गेस्‍ट हाउस का भी जिक्र किया. उन्‍होंने कहा कि मैं गेस्‍ट हाउस कांड को पीछे छोड़ते हुए सपा के साथ गठबंधन करने को तैयार हूं. उन्‍होंने कहा मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव में हराने के लिए वह किसी के साथ थी गठबंधन कर सकती हैं.

इस मौके पर सपा के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के नेताओं ने सत्‍ता के नशे में अब तक जो किया है उन्‍हें अब सबक सिखाने का समय आ गया है. अखिलेश ने इशारे-इशारे में ये भी कहा कि उनकी पार्टी मायावती को प्रधानमंत्री के तौर पर समर्थन देने को भी तैयार है. अखिलेश यादव ने कहा कि मायावती पर हमला अब सपा पर हमला करने जैसा है. हम बीजेपी को साथ में मिलकर सत्‍ता से बाहर का रास्‍ता दिखाएंगे.

इस गठबंधन से दोनों ही दलों ने कांग्रेस को अलग रखा लेकिन कहा कि वे अमेठी और रायबरेली सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. इन सीटों का प्रतिनिधित्व क्रमश: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी करती हैं. गठबंधन ने दो अन्य सीटें छोटे दलों के लिए छोड़ी हैं.

संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन का ऐलान करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इस गठबंधन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ जाएगी. गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किये जाने के बारे में मायावती ने कहा कि उनके शासन के दौरान गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई .

इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह सपा-बसपा का केवल चुनावी गठबंधन नहीं है बल्कि गठबंधन भाजपा के अत्याचार का अंत भी है. 'भाजपा के अहंकार का विनाश करने के लिए बसपा और सपा का मिलना बहुत जरूरी था.'