अग्निशमन सेवा विभाग का महानिदेशक बनने से इंकार

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली उच्चाधिकार समिति द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) प्रमुख पद से हटाए जाने के लगभग 20 घंटे बाद शुक्रवार को आज आलोक वर्मा ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने त्याग-पत्र में लिखा, “यह खुद के भीतर झांक कर देखने का समय है।” सीबीआई प्रमुख पद से हटाए जाने के बाद गुरुवार को उनका ट्रांसफर अग्निशमन सेवा विभाग के महानिदेशक (डीजी) के तौर पर किया गया था, पर उन्होंने उस पद को संभालने से इन्कार कर दिया। वहीं, सीबीआई विवाद में शुक्रवार अफसरों के ट्रांसफर को लेकर खींचतान दिखा। वर्मा के सीबीआई प्रमुख पद से हटाए जाने के बाद देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के अंतरिम निदेशक एम.नागेश्वर राव ने उनके द्वारा दिए गए पांच अफसरों के ट्रांसफर के आदेश पलट दिए। इससे पहले वर्मा ने सीबीआई प्रमुख बनने के बाद गुरुवार शाम पांच अफसरों के तबादले किए थे, जिनमें जेडी अजय भटनागर, डीआईजी एमके सिन्हा, डीआईजी तरुण गौबा, जेडी मुरुगेसन और एडी एके शर्मा शामिल थे। वहीं, वर्मा ने इससे पहले राव के जारी किए अधिकतर ट्रांसफर निरस्त कर दिए थे। बुधवार (नौ जनवरी) को उन्होंने लगभग 77 दिनों बाद सीबीआई प्रमुख का पद संभाला था। रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार ने जबरन छुट्टी पर भेज दिया था। उनके अलावा सीबीआई में दूसरे नंबर के अधिकारी राकेश अस्थाना (जबरन छुट्टी पर) पर भी घूसखोरी के आरोप लगे थे। वह भी फोर्स लीव पर भेजे गए। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अस्थाना और डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार की तरफ से दाखिल की गई वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें इन दोनों ने अपने खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग उठाई थी।