नई दिल्ली: राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर के सहारे सरकार बनाने वाली कांग्रेस अब अलग ही मूड में आती दिख रही है। पार्टी अब अपनों को ‘सुधारने’ करने को सुधारने के लिए तैयार है। कांग्रेस ने एक लिस्ट मंगाई है। इस लिस्ट में उन नेताओं के नाम होंगे, जिनके कारण राज्य में चुनाव के दौरान पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। कहा जा रहा है कि इन नेताओं ने ही 7 दिसंबर को हुए मतदान में फर्क डाला।
राजस्थान कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन पायलट ने कहा, ‘पार्टी के उन नेताओं की रिपोर्ट मंगाई गई है, जिन्होंने चुनाव के दौरान कांग्रेस कैंडिडेट का समर्थन न करके दूसरों का साथ दिया। जिसका असर मतदान के दिन दिखा’। उन्होंने कहा, ‘पार्टी के उम्मीदवारों भी ने जीतने के बाद यही बात कही। अब पार्टी ऐसे नेताओं के खिलाफ कड़ा कदम उठाएगी, जिन्होंने लाइन से हटकर काम किया है’। कांग्रेस के लोकप्रिय चेहरों में शुमार सचिन पायलट ने कहा, ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में केंद्रीय नेतृत्व से बात हुई है’।
इस मुद्दे पर एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा कि, पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी को करीब 15 से 20 सीट का नुकसान हुआ। बता दें कि, 200 सदस्य वाली विधान सभा के चुनाव परिणाम में कांग्रेस को 99 सीटें मिली, जबकि भारतीय जनता पार्टी को 73 सीट मिलीं। वहीं, एक सीट पर उम्मीदवार की मौत से चुनाव में देरी हुई। हालांकि कांग्रेस ने अपने सहयोगियों की बदौलत बहुमत संख्या को पार कर लिया। कांग्रेस को सबसे ज्यादा फायदा बहुजन समाज पार्टी से मिला। जिसके इस बार 6 विधायक चुने गए हैं।
बता दें कि, राजस्थान में कैबिनेट के शपथ ग्रहण के तीन दिन बाद आखिरकार विभाग बांटें जा चुके हैं। हालांकि, विभागों का बंटवारा करने से पहले दिल्ली में 8 घंटे की मैराथन मीटिंग हुई। जिसके बाद रात 2 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत 25 मंत्रियों को बांटे गए विभागों की सूची जारी की गई थी।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत 9 विभाग संभालेंगे। जिनमें गृह, वित्त, कार्मिक, आबकारी, आयोजना, नीति आयोजना, सामान्य प्रशासन, राजस्थान राज्य अन्वेषण ब्यूरो व सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग शामिल हैं। जबकि डिप्टी सीएम सचिन पायलट 5 विभागों के मुखिया बनाए गए हैं। सचिन पायलट को पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और सांख्यिकी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।
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