फार्मास्यूटिकल एवं मेडिकल डिवाइस कंपनी, एरिस लाइफसाइंसेज और इंडिया मेडट्राॅनिक प्राइवेट लिमिटेड ने भारत में डायबिटीज निगरानी पहल के लिए अपने बीच सहयोग किये जाने की आज घोषणा की। एरिस लाइफसाइंसेज, क्रोनिक ड्रग्स सेगमेंट की प्रमुख कंपनी है और इंडिया मेडट्राॅनिक प्राइवेट लिमिटेड, चिकित्सा तकनीक में दुनिया में अग्रणी, मेडट्राॅनिक पीएलसी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है। उक्त दोनों कंपनियां मरीजों को उनके डायबिटीज पर बेहतर तरीके से नजर रखने में मदद करने हेतु अपनी-अपनी क्षमताओं को इस्तेमाल में लाएंगी। मेडट्राॅनिक, डायबिटीज के मरीजों में ग्लुकोज की अस्थिरता के रियल-टाइम मूल्यांकन के लिए अपना नवीनतम यूएस एफडीए अनुमोदित गार्जियन कनेक्ट डिवाइस को भारत लाएगी। एरिस अपनी राष्ट्रीय पहुंच के जरिए अपनी मरीज देखभाल पहल के तहत क्लिनिक्स और स्वास्थ्य सेवा इकाइयों पर डिवाइस उपलब्ध करायेगा। गार्जियन कनेक्ट दुनिया का पहला स्मार्ट कंटिन्युअस ग्लुकोज माॅनिटरिंग सिस्टम है जो स्मार्टफोन से कनेक्ट है और यह अलग से बिना हार्डवेयर माॅनिटर लगाये ग्लुकोज के स्तर के बारे में रियल-टाइम आधार पर आंकड़ा दे सकता है। गार्जियन कनेक्ट, एक उत्कृष्ट डिवाइस है जिसमें अलग तरह की बिल्ट-इन विधि है, जो 10-60 मिनट पहले ही उच्च और निम्न ब्लड सुगर का पूर्वानुमान लगाकर अलर्ट भेज देता है। ये अलर्ट्स उपयोगकर्ता के स्मार्टफोन (या एप्पल वाॅच) पर नोटिफिकेशन के रूप में पाॅप अप होता है और यह मोबाइल फोन्स पर नियमित अंतरालों पर टेक्स्ट मैसेज के रूप में पाॅप अप होता है। इस डिवाइस में टेक्स्ट संदेशों के जरिए रिमोट माॅनिटरिंग अलर्ट्स और वेब ऐप्प – जिसे इंटरनेट से जुड़े किसी भी डिवाइस से एक्सेस किया जा सकता है जैसी खूबियां भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए, बच्चे के डायबिटीज की स्थिति में, माता-पिता अपने बच्चे का सीजीएम डेटा देख सकते हैं और रियल-टाइम में निम्न एवं उच्च माप से जुड़े अलर्ट्स प्राप्त कर सकते हैं। यद्यपि, भारत उन देशों में शामिल है जहां डायबिटीज के मामले सर्वाधिक देखने को मिलते हैं, लेकिन इनकी पहचान व निगरानी अभी भी चुनौती बनी हुई है। डायबिटीज के प्रबंधन में सुगर के लेवल की माॅनिटरिंग अत्यंत महत्वपूर्ण है। पहले के ब्लड ग्लुकोज माॅनिटर्स (चुभाएं और खून की जांच करें) के मुकाबले अब लगातार निगरानी रखने वाले आधुनिक डिवाइस आ गये हैं, जैसे-गार्जियन कनेक्ट, जिसमें छोटा ट्रांसमिटर, मोबाइल ऐप्प और डिस्पोजेबल सेंसर है, जिससे ग्लुकोज के स्तर की माॅनिटरिंग काफी सुविधाजनक एवं दर्दरहित हो गई है। प्रगति पर टिप्पणी करते हुए, एरिस लाइफसाइंसेज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, अमित बख्शी ने कहा, ‘‘डायबिटीज वाले मरीजों के लिए बेहतर परिणाम हासिल करने हेतु, हमारा मानना है कि औषधि, आहार और लगातार माॅनिटरिंग का समग्रतापूर्ण एप्रोच महत्वपूर्ण है। तकनीक ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में चीजों को काफी सुगम एवं संभव कर दिया है। जहां तकनीक स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं में बदलाव ला रही है, वहीं मरीजों एवं चिकित्सकों के लिए इस बात को लेकर अधिक जागरूकता पैदा करना आवश्यक हो गया है कि तकनीक का प्रयोग कैसे करें और किस तरह तकनीक की मदद से डायबिटीज का बेहतर तरीके से प्रबंधन किया जा सकता है। इस पहल के जरिए, हमारा उद्देश्य है कि मरीज और चिकित्सक बेहतर स्वास्थ्य के लिए नई-नई तकनीकों को अपनाएं।’’