भोपाल: बहुजन समाज पार्टी की तरफ से समर्थन पर पुनर्विचार का बयान सामने आने का बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने सोमवार को बताया कि कमल नाथ सरकार 2 अप्रैल 2018 को अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियमस 1989 में संशोधन के खिलाफ हुए ‘भारत बंद’ प्रदर्शन के दौरान दर्ज किए गए केस वापस लेगी। इसके साथ ही पिछले 15 सालों में भाजपा सरकार की तरफ से दर्ज किए गए ऐसे सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

मायावती ने उठाई थी ये मांगः उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरकार बनाने में कांग्रेस को समर्थन कर रही बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने रविवार को कांग्रेस सरकार के सामने मुकदमे वापस लेने की मांग उठाई थी। साथ ही ऐसा न करने की स्थिति में समर्थन पर पुनर्विचार की बात भी कही थी। इसके बाद सियासी गलियारों में हलचल मच गई।

बसपा ने विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान तीनों राज्यों में चुनाव लड़ा था। तीनों राज्यों में उसे क्रमशः दो, दो और छह सीटों पर जीत मिली थी। मध्य प्रदेश में बहुमत से दो कदम दूर रह गई कांग्रेस के लिए सहयोगियों का समर्थन संजीवनी बनकर सामने आया और 15 साल बाद फिर से कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की है। बसपा को नजरंदाज करना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह बसपा के दबाव में लिया गया फैसला है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले कांग्रेस ने बसपा से गठबंधन करने से इनकार कर दिया था।