नई दिल्ली:जम्मू कश्मीर का राजनीतिक घटनाक्रम बेहद तेजी के साथ गर्मा गया है और महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन के दावों के बीच जम्मू कश्मीर विधानसभा को ही भंग कर दिया है। इससे पहले बदलते घटनाक्रम के बीचर PDP नेता महबूबा मुफ्ती ने गवर्नर को पत्र लिखा था,वहीं सज्जाद लोन ने राज्यपाल को लेटर लिख अपना दावा जताया था।
इससे पहले कहा जा रहा था कि बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए धुर विरोधी पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस एक साथ आ गए हैं और उनके साथ कांग्रेस पार्टी भी शामिल हो गई है।
तीनों मिलकर यहां सरकार बनाने का दावा कर रही थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व ने महबूबा मुफ्ती पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाने की मंजूरी दे दी थी।
87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी के पास 28 विधायक हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 15 और कांग्रेस के पास 12 विधायक हैं। तीनों को मिलाकर जरूरी बहुमत 44 सीटों से अधिक विधायक है।गौर हो कि बीजेपी ने जब पीडीपी से समर्थन वापस लिया था तब महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई थी।
उसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। अगले महीने राष्ट्रपति शासन के 6 महीने पूरे होने वाले हैं। वहीं सज्जाद लोन ने भी राज्यपाल को पत्र लिखकर अपना दावा पेश किया था।
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