लखनऊः ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ में बुधवार को हुई विश्वविद्यालय की विद्यापरिषद की पांचवी बैठक में कई मुद्दों पर फैसला हुआ. बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. माहरूख़ मिर्ज़ा ने की। इस बैठक में विद्या परिषद ने पीएचडी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग मानक पर आधारित विनियम-2016 को यथावत विश्वविद्यालय में लागू करने पर सहमति प्रदान की। इस सम्बंध मे कार्यपरिषद से अनुमोदनोपरान्त शीघ्र अति शीघ्र विज्ञापन प्रकाशित कर पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ होगी.
इसी के साथ विधि संकाय एवं अभियांत्रिकी संकाय का अनुमोदन प्रदान करते हुये कार्यवाही के लिए कार्यपरिषद को भेजने पर सहमति हुई और परास्नातक के स्तर पर भी सीबीसीएस प्रणाली को आगामी सत्र 2019-20 से प्रारम्भ करने पर सहमति व्यक्त की गयी. वही गत 27 अगस्त को हुयी बैठक में लिये निर्णयों को कुछ संशोधनों के साथ पुष्टि की गयी और रूसा के अंतर्गत प्राप्त धनराशि के सापेक्ष हुये कार्याें की प्रगति से भी समस्त सदस्यों को अवगत कराया गया. वही कश्मीर विश्वविद्यालय से आमंत्रित प्रो.मो.शफ़ी ने विश्वविद्यालय मे नैक एवं सीबीसीएस पर एक एक्सटेंशन लेक्चर दिया. इसमें विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा सीबीसीएस को लेकर प्रश्नों का प्रो.मो.शफी ने यथोचित उत्तर दिया.
आज हुई बैठक में विश्वविद्यालय के आंतरिक विद्या परिषद के सदस्यों सहित वाह्य सदस्यों के रूप में प्रो.मो.शफी, कश्मीर विश्वविद्यालय एवं प्रो.सोमेश कुमार शुक्ल (लखनऊ विश्वविद्यालय) ने प्रतिभाग किया.इस अवसर पर सदस्य सचिव-कुलसचिव शत्रोहन वैश्य ने विद्यापरिषद के सदस्यों का स्वागत किया।
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