मुख्यमंत्री की नीति आयोग के साथ ‘एक्शन प्लान फाॅर उत्तर प्रदेश’ की समीक्षा बैठक की

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के सतत प्रयास से प्रदेश के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। स्वच्छ भारत मिशन के प्रारम्भ के समय राज्य में शौचालयों की कवरेज 23 प्रतिशत थी, जो वर्तमान में बढ़कर लगभग 99 प्रतिशत हो गई है। इस दौरान 01 करोड़ 56 लाख से भी अधिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। 37 जिले पूरी तरह से ओ0डी0एफ0 किए गए हैं। साथ ही, 92 हजार गांवों को भी ओ0डी0एफ0 किया गया है। 30 नवम्बर, 2018 तक राज्य में शौचालयों की शत-प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत प्रदेश के सभी गांवों तक योजना का लाभ पहुंचाया गया है। 01 वर्ष में साढ़े आठ लाख से भी अधिक आवास बनाए गए हैं। 30 नवम्बर, 2018 तक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 10 लाख आवासों का निर्माण करा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना भी लागू की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) को भी प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में नीति आयोग, भारत सरकार के साथ ‘एक्शन प्लान फाॅर उत्तर प्रदेश’ की समीक्षा बैठक के दौरान अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों का यथाशीघ्र विद्युतीकरण कराने, आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने, स्वास्थ्य एवं पोषण से सम्बन्धित कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 01 वर्ष में राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ‘स्कूल चलो अभियान’ से प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। विद्यालयों को गोद लेने की व्यवस्था से 18 हजार से अधिक स्कूलों में शैक्षिक संसाधनों तथा शिक्षा की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जनपदों के विद्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के हर घर तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए प्रयासरत है। पाइप पेयजल योजनाएं इसमें प्रभावी भूमिका निभा सकती हैं। बुन्देलखण्ड, गंगा जी के तटवर्ती आर्सेनिक और फ्लोराइड की अधिकता वाले इलाकों तथा जापानी इंसेफेलाइटिस से प्रभावित क्षेत्रों में यह अत्यन्त उपयोगी हो सकता है। पाइप पेयजल के माध्यम से प्रदेश के निवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराकर डायरिया और जापानी इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही, पोषण की स्थिति में भी सुधार लाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सर्वत्र सराहना हो रही है। नई उद्योग नीति के साथ ही राज्य सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए 20 से अधिक नीतियां लागू की हैं। सिंगल विण्डो पोर्टल के माध्यम से उद्यमियों और निवेशकों को सुविधा मुहैया करायी जा रही है। राज्य सरकार ने ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के माध्यम से एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया है। ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के तहत अभी तक 03 समिट सम्पन्न हुए हैं। इनके माध्यम से इस क्षेत्र में कार्यरत हस्तशिल्पियों, उद्यमियों को बड़ी मात्रा में ऋण सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट-2018 के माध्यम से राज्य सरकार को प्राप्त निवेश प्रस्तावों में से 62 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा गया है। आगामी दिसम्बर माह में 01 लाख करोड़ रुपये तक के अन्य निवेश प्रस्तावों हेतु ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी की जाएगी।

इससे पूर्व, बैठक को सम्बोधित करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कई क्षेत्रों विशेषकर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), स्वच्छता आदि में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के विकास पर फोकस रखकर कार्य करने के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को बैंक क्रेडिट की पहल सराहनीय है। उन्होंने मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय पोषण परिषद की बैठक के लिए भी आमंत्रित किया।

बैठक के दौरान नीति आयोग के सलाहकार आलोक कुमार द्वारा ‘एक्शन प्लान फाॅर उत्तर प्रदेश’ पर एक प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। प्रस्तुतिकरण में प्रदेश में पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वच्छता एवं पेयजल, सिंचाई एवं जल संसाधन, उद्योग तथा कृषि के क्षेत्रों में प्रगति तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, इन क्षेत्रों की प्रमुख चुनौतियों तथा लक्षित परिणामों पर विचार-विमर्श किया गया।

इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, कृषि उत्पादन आयुक्त डाॅ0 प्रभात कुमार, अपर मुख्य सचिव नियोजन दीपक त्रिवेदी सहित विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, नीति आयोग के सदस्य डाॅ0 वी0के0 पाॅल, प्रो0 रमेश चन्द्र, अपर सचिव यदुवेन्द्र माथुर, सलाहकार आलोक कुमार, विशेष कार्याधिकारी संयुक्ता समद्दर, निदेशक अनामिका सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।