नई दिल्ली: मौलाना आज़ाद की 130वीं जयंती के कार्यक्रम पर संसद में केवल तीन सांसद पहुंचे. राज्यसभा में नेता विपक्ष ग़ुलाम नबी आजाद, संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल और बीजेपी सांसद सत्यनारायण जटिया जयंती कार्यक्रम में पहुंचे. इससे 11 दिन पहले सरदार पटेल की जयंती पर सरकार सेंट्रल हॉल में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई आला कांग्रेस नेता और लालकृष्ण आडवाणी सहित कई वरिष्ठ बीजेपी नेता जमा हुए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौलाना आज़ाद को सरदार पटेल के साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन का ऐसा नायक बताते आए हैं जिसे परिवारवाद की राजनीति ने भुला दिया. पीएम ने मौलाना आज़ाद और आचार्य जेपी कृपलानी की जन्मजयंती पर ट्वीट कर कहा कि दोनों महान विभूतियां थी जिनके स्वाधीनता संग्राम में योगदान और समानता, शिक्षा व न्याय के लिए किए काम को भुलाया महीन जा सकता.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज़ादी के कद्दावर नायक के स्मृति कार्यक्रम के लिए महज़ 3 सांसदों का जुटना अफ़सोसजनक है. आज़ाद ने कहा पीएम को मौजूद रहना चहिए था. साथ ही उन्होंने सवाल किया कि अब पीएम बताएं कि आखिर मौलाना आज़ाद को किसने भुला दिया? वहीं कार्यक्रम में राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति पर उन्होंने इतना ही कहा कि यह अपनी-अपनी सोच का विषय है.

इस मामले पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि महान नेताओं के स्मृति कार्यक्रम को संख्या गणित से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं सांसदों की अनुपस्थिति पर उनकी दलील थी कि संसद सत्र न होने के कारण अधिकतर सांसद अपने क्षेत्र में हैं. पीएम की गैर मौजूदगी पर ग़ुलाम नबी आजाद के उठाए सवालों पर पलटवार करते हुए गोयल ने कहा कि हम भी गिना सकते हैं कि कांग्रेस के कितने नेता कब कब बड़े कार्यक्रमों में नदारद रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने सवाल किया किया कांग्रेस के ही बड़े नेता रहे मौलाना आज़ाद को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी पार्टी से एक ही नेता क्यों आया?