नई दिल्ली : साल 2008 के मालेगांव बम धमाकों में एनआईए की विशेष अदालत ने आज लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिये. 29 सितंबर 2008 को हुए धमाके में 6 की जान गई थी और 100 से अधिक लोग जख्मी हुए थे. बम धमाके को 10 साल हो गए लेकिन अब तक आरोप तय नही हो पाया था. आपको बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में बम धमाके हुए थे. इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे. इस मामले में एटीएस ने 21 जनवरी 2009 को पहला आरोप पत्र दायर किया. इसमें 11 आरोपी गिरफ्तार किए गए और 3 आरोपी फरार दिखाए गए. गिरफ्तार आरोपियों में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित भी शामिल थे. बाद में इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई.

NIA ने 31 मई 2016 को नई चार्जशीट फाइल की. इसमें रमेश शिवाजी उपाध्याय, समीर शरद कुलकर्णी, अजय राहिरकर, राकेश धावड़े, जगदीश महात्रे, कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी उर्फ स्वामी दयानंद पांडे सुधाकर चतुर्वेदी, रामचंद्र कालसांगरा और संदीप डांगे के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा किया गया. इसके अलावा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शिव नारायण कालसांगरा, श्याम भवरलाल साहू, प्रवीण टक्कलकी, लोकेश शर्मा, धानसिंह चौधरी के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक पुख्ता सबूत नहीं होने का दावा किया.

मई 2016 में अपनी चार्जशीट में एनआईए ने कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को धमाकों की साजिश के प्रमुख आरोपियों में से एक बताया. हालांकि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल श्रीकांत पुरोहित जैसे कई आरोपियों ने खुद को बरी करने की याचिका दायर की. 25 अप्रैल 2017 को बांबे हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दे दी, लेकिन कोर्ट ने उस समय श्रीकांत पुरोहित को जमानत नहीं दी. 23 अगस्त 2017 को कर्नल पुरोहित को जमानत मिली और वे 9 साल बाद जेल से बाहर आए. उन्हें लेने के लिए सेना की तीन गाड़ियां तलोजा जेल पहुंची थीं. 27 दिसंबर 2017 को कोर्ट ने श्रीकांत पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ मकोका हटा दिया.