नई दिल्ली: अपने बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार को एक बार फिर अपने ही सरकार पर परोक्ष रूप से हमला बोला। उन्होंने मुगलों से जुड़े स्थलों के नाम बदलने के सवाल पर कहा, 'इनके पास तो कोई काम है नहीं। ये जनता का दिमाग भटकाने के लिए ये नाम बदलने का बहाना बनते है। अगर हिम्मत है तो लालकिला का नाम बदल दें। उसको गिरा दें।

उन्होंने बुधवार को केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, जो बिहार वाले नेता (गिरिराज सिंह) बयान दे रहे हैं। वो जिस रोड़ पे चलते हैं उस रोड को उनके दादा ने बनाया? जीटी रोड शेर शाहसूरी ने बनाया है। एक नई सड़क बना के दिखा दें। बयान देना अलग बात है।

हाल ही में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुगलों से जुड़े हुए सभी नामों को बदलने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'भारत आज एक आजाद देश है। हम अब मुगलों या अंग्रेजों के गुलाम नहीं हैं। तो ऐसे में उनसे जुड़े हुए नाम रखने की जरूरत क्या है? क्या बिहार के लोग यह नहीं जानते कि खिलजी ने राज्य को लूटा फिर भी बख्तियारपुर उसके नाम पर है। बिहार के अकबरपुर के साथ करीब 100 जगहों के नाम बदले गए हैं। इस दिशा में योगी जी ने अच्छा काम किया है।' उन्होंने कहा, 'मैं मांग करूंगा कि बिहार सहित पूरे देश में मुगलों से जुड़े हुए नामों को बदला जाए।'

ऐसा नहीं है उन्होंने पहली बार अपने सरकार और बीजेपी खिलाफ बयान दिया हो, हाल ही में उन्हें बलिया में बीजेपी पर हमला किया। उन्होंने कहा, गरीब तुम्हारा (बीजेपी) नोट भी लेगा, मुर्गा भी खाएगा पर तुम्हें वोट नहीं देगा। अगर तुने काम नहीं किया तो। गोरखपुर, फूलपुर, कैराना और नूरपुर का रिजल्ट याद करना। आगे उन्होंने कहा, पिछड़ी जाति के 27% आरक्षण का बंटवारा करो नहीं तो ये सोच लेना की 2019 में यूपी में खाता नहीं खुलने दूंगा।

उन्होंने एक बार कहा था मेरी लड़ाई सीधे मुख्यमंत्री से है और इसका फैसला सिर्फ अमित शाह ही करेंगे। पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर ने रसड़ा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में 'रामायण' का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था, 'लव और कुश की राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न से लड़ाई सिद्धांत को लेकर हुई थी। महर्षि वाल्मीकि ने हस्तक्षेप कर उनके बीच युद्ध को रोका था। हमारी लड़ाई मुख्यमंत्री से है, बीच में आकर फैसला अमित शाह कराएंगे।' राजभर ने बाद में हालांकि अपने बयान पर सफाई भी दी थी। उन्होंने कहा था कि वह सरकार के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं, बल्कि उसे जनता की भावनाओं को लेकर आईना दिखा रहे हैं।