अमृतसर: अमृतसर में दशहरा के दिन हुए ट्रेन हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई। गौर हो कि अमृतसर के पास शुक्रवार शाम को रावण दहन देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे थे। भीड़ इतनी थी कि रेल पटरियों पर भी लोग खड़े थे। इतने में ट्रेन आ गई। उसकी चपेट में आने से 59 लोगों की मौत हो गई जबकि 57 अन्य घायल हो गए। ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी। उसके बाद हादसे को लेकर प्रशासन की लापरवाही को लेकर सवाल उठने लगे। दशहरा के इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर भी आलोचनाओं के घेरे में आईं। बीजेपी ने आरोप लगाए थे कि बिना अनुमति के इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था। नवजोत कौर से जब इस बारें में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कि एक अतिथि के तौर पर यह जांचना मेरी जिम्मेदारी नहीं है कि अनुमति दी गई है या नहीं।

जिस ट्रेन से हादसा हुआ उस ट्रेन के ड्राइवर ने रविवार को चिट्ठी लिखकर घटना के बारे में विस्तार से बताया। ड्राइवर ने कहा, मैंने रेलवे ट्रैक के पास लोगों की भीड़ देखी। तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाया उस दौरान लगातार होर्न बजाता रहा। तब तक कुछ लोग ट्रेन के नीचे आ गए। ट्रेन रूकने ही वाली ही थी लोग ट्रेन पर पत्थर फेंकने लगे। इसलिए मैंने यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन को आगे बढ़ा दिया।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को ट्रेन हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि जांच करके और यह पता लगाकर रिपोर्ट सौंपने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है कि इसमें किसकी गलती थी। जालंधर के मंडल आयुक्त को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई।

अमृतसर में दशहरा के दिन हुए ट्रेन हादसे के बाद से पटरियों पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को रविवार को हटा दिया गया है और ट्रेनों का परिचालन करीब 40 घंटे बाद रविवार दोपहर बहाल हो गया। रेलवे के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे को स्थानीय अधिकारियों से दोपहर 12:30 बजे ट्रेन सेवाएं बहाल करने की मंजूरी मिली। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया, 'पहले मालगाड़ी को दोपहर दो बजकर 16 मिनट पर मनावला से अमृतसर रवाना किया गया।'

इससे पहले पंजाब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पटरी पर से हटाया, जो वहां धरना दे रहे थे। पटरी से हटाए जाने के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे सुरक्षा कर्मियों के साथ उनकी झड़प हुई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पथराव में पंजाब पुलिस का एक कमांडो और एक फोटो पत्रकार घायल हो गए। प्रदर्शनकारी राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिदद्धू के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।