नई दिल्ली: भोपाल की अरेरा कालोनी में बना घर अब मध्य प्रदेश की राजनीति का नया केंद्र है. यह केंद्र आरएसएस का मुख्यालय 'समिधा' है जहां बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भोपाल दौरे के दौरान तीन घंटे तक रुके रहे. बताया जा रहा है कि संघ के नेताओं ने अमित शाह को शिवराज सरकार का जो फीडबैक दिया उससे पार्टी आलाकमान चिंता में पड़ गए हैं. अब आरएसएस से बीजेपी ने मदद की गुहार की है.
आरएसएस ने अमित शाह और सीएम शिवराज को बता दिया है कि एमपी में 15 साल पुरानी शिवराज सरकार के विधायकों के खिलाफ नाराजगी है इसलिए करीब 70 विधायकों के टिकट काटे जाएं. साथ ही एससी-एसटी एक्ट के बाद जो आंदोलन भड़का उसे भी सरकार ठीक से नियंत्रित नहीं कर सकी. इससे भी सरकार के खिलाफ सवर्णों में नाराजगी उभरी है. इसके अलावा संघ ने ये भी बताया कि सीएम शिवराज की लोकप्रियता भी घटी है. इसलिए संघ ने बीजेपी की मदद करने का फैसला किया है.
वैसे संघ बीजेपी की चुनावों में पहले भी मदद करते आया है मगर इस बार बीजेपी पिछले दो चुनावों के मुकाबले ज्यादा मुश्किल हालात में है इसलिए संघ के कार्यकर्ता इस बार सर्वे प्रचार और बूथ तक की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं. संघ से आ रही खबरों के मुताबिक इस बार स्वयंसेवक प्रचार से लेकर बूथ स्तर तक भी जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं. हर बूथ पर दो स्वयंसेवकों की तैनाती का फैसला संघ ने किया है.
हांलाकि, बीजेपी के नेता आज भी संघ की मदद को खुलेआम स्वीकार नहीं कर रहे हैं. मगर वो मान रहे हैं कि संघ से बीजेपी का गहरा जुडाव है. एमपी में विधानसभा चुनाव अभी डेढ महीने दूर हैं और बीजेपी के नेता मान रहे हैं कि एंटी इंकबेंसी से निपटने के लिए विधायकों के टिकट कटेंगे मगर ये संघ के कहने पर हो रहा है ऐसा नहीं है. मगर संघ ने पिछले सालों में शिवराज सरकार में जमकर दखल दिया है. ऐसे में संघ के कार्यकर्ता भी नहीं चाहेंगे कि शिवराज सरकार की छुटटी हो.
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