नई दिल्ली: व्यापम मामले में अभियुक्त लखनऊ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की जूनियर डॉक्टर की सोमवार (15 अक्टूबर, 2018) को इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्होंने कुछ दिन पहले जहर खा लिया था। जानकारी के मुताबिक प्यापम घोटाला मामले में अभियुक्त 27 साल की मनीषा शर्मा ने कथित तौर ग्वालियर में सीबीआई ऑफिस में उपस्थित होने से एक दिन पहले जहर खा लिया। हॉस्पिटल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शर्मा 2015 में प्यापम मामले में जेल भी जा चुकी थीं। हालांकि परिवार का आरोप है कि केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टर ऊधम सिंह ने उन्हें प्रताड़ित किया और खुदकुशी के उकसाया। इस मामले में मृतक की बहन दीपा सिंह की शिकायत पर पुलिस ने डॉक्टर सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। ये केस वजीरगंज थाने में दर्ज किया गया है। इसके अलावा उन्होंने पुलिस को एक ऑडियो क्लिप भी सौंपी है।

चौक सर्कल ऑफिसर दुर्गा प्रसाद ने बताया कि अभी डॉक्टर ऊधम सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कानपुर की मनीषा ने बुद्धा हॉस्टल स्थित अपने रूम नंबर 309 में शनिवार शाम को जहर खा लिया थ। वहीं केजीएमयू के मीडिया इंचार्ज संतोष कुमार का कहना है कि ऊधम सिंह ने ही मनीषा को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। कुमार के मुताबिक मनीषा की हालत तब बहुत गंभीर थी और हम अपनी लाख कोशिशों के बाद भी उसे बचा नहीं सके। ट्रामा सेंटर में सोमवार दोपहर करीब 1:30 बजे उसकी मौत हो गई।

कुमार के मुताबिक, ‘मनीषा मास्टर ऑफ सर्जरी की तीसरे वर्ष की छात्रा थीं, जिन्हें क्वीन मेरी हॉस्पिटल के प्रसूतिशास्र विभाग में रेसीडेंट डॉक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। मनीषा ने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज से पूरी की थी। हमारे पास अभी दस्तावेज नहीं है हालांकि जानकारी के मुताबिक दाखिले के वक्त वो जमानत पर थीं। हम यकीनन कह सकते हैं कि हर महीने वह व्यापम मामले में सुनवाई के लिए अनुमति लेती थीं। इसके अलावा हमें बताया गया कि मनीषा को व्यापम मामले में पूछताछ के लिए रविवार ग्वालियर जाना है।’