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आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों में यूपी के मंत्री का परिवार भी शामिल

नई दिल्ली: आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) की अभी शुरुआत हुई है कि लाभार्थियों की लिस्ट में गड़बड़ी सामने आने लगी है. जरूरमंदों को इलाज में सहायता पहुंचाने के लिए शुरू इस योजना में मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को भी लाभार्थी बना दिया गया. यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री सतीश महाना(Satish Mahana ) के पूरे परिवार को आयुष्मान योजना के लाभार्थी के तौर पर दर्शा दिया गया. जब यह बात मंत्री तक पहुंची तो उन्होंने अब पूरे परिवार का नाम योजना के लाभार्थियों की सूची से हटाने को कहा है. मंत्री का कहना है कि उन्हें नहीं मालुम कैसे उनका नाम जोड़ दिया गया, जबकि वह इस दायरे में नहीं आते हैं. https://mera.pmjay.gov.in वेबसाइट पर मौजूद लिस्ट के मुताबिक सतीश महाना परिवार के कुल छह सदस्य लाभार्थी के रूप में शामिल किए गए हैं. इसमें सतीश महाना के अलावा अनीता महाना, करन महाना, राधिका, जाह्वनी और नेहा का नाम शामिल है. यूपी और फिर कानपुर नगर की सूची में सतीश महाना परिवार का नाम शामिल हैं.

इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये की कवरेज दिया जाएगा. इससे 10.74 करोड़ गरीब परिवार लाभान्वित होंगे. इन परिवारों के लोग द्वितीयक और तृतीयक श्रेणी के तहत पैनल के अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से भर्ती हो सकते हैं. वैसे इस योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान कर दिया गया है. यह योजना लाभार्थियों को नकदी रहित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी. इससे अस्पताल में भर्ती होने पर आने वाले खर्च में कमी आएगी जो लोगों को और निर्धन बना देता है.

इससे भयंकर स्वास्थ्य समस्याओं के दौरान उत्पन्न वित्तीय जोखिम कम होगा. पात्र लोग सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं.इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियां आएंगी. नवीनतम सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के हिसाब से गांवों में ऐसे 8.03 करोड़ और शहरों में 2.33 परिवार हैं. योजना का लाभ करीब 50 करोड़ लोगों को मिलेगा.एसईसीसी के डाटाबेस में वंचना के आधार पर पात्रता तय की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में वंचना की श्रेणियों (डी1,डी2,डी3,डी4,डी5, डी6 और डी7) के आधार पर लाभार्थियों की पहचान की गयी है.

शहरी क्षेत्रों में 11 पेशवेर मापदंड पात्रता तय करेंगे. इसके अलावा जिन राज्यों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना है, उसके लाभार्थी भी इस नयी योजना के अंतर्गत आएंगे. इस योजना से 27 राज्य जुड़े हैं. दिल्ली, तेलंगाना और ओडिशा ने इस योजना से जुड़ने के लिये मना कर दिया है.
योजना से 15000 अस्पताल जोड़े जाएंगे. अभी तक 13 हजार अस्पताल जोड़े गए हैं. माना जा रहा है कि भारत जैसे देश में जहां महंगी होती मेडिकल सेवाएं के बीच आम आदमी को गरीब बना रही हैं, यह योजना मोदी सरकार के लिये गेम चेंजर साबित हो सकती है.

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