प्रत्येक व्यक्ति की आर्थिक सुरक्षा के लिए जीवन बीमा पाॅलिसी करना महत्वपूर्ण रूप से आवश्यक है। यदि जीवन बीमा की परिपक्वता से पूर्व ही बीमित व्यक्ति का असामयिक निधन हो जाता है, तो पाॅलिसी एकमुश्त राशि के भुगतान का वादा करती है। इस प्रकार, जीवन बीमा प्लान व्यक्ति के परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है और यह वादा करता है कि बीमित व्यक्ति के न रहने पर भी उसके परिवार को एक वित्तीय राशि प्राप्त हो, जिससे वो अपने आर्थिक उत्तरदायित्वों का पालन कर सकें।

श्री धीरेन्दª महयावंशी-सह संस्थापंक, टर्टलमिंट, के अनुसार, हालांकि जीवन बीमा लेना आवश्यक होता है, फिर भी कई व्यक्ति ऐसे हैं विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग जिन्हें बीमा पाॅलिसी लेना उनके वश की बात नहीं लगती। बीमा प्लान के प्रीमियम अधिक होते हैं और इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले और कम कमाई वाले लोग इसके महत्व को नजरंदाज कर देते हैं। हालांकि, भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण/आईआरडीएआई ने ग्रामीण क्षेत्र के लिए बीमा की आवश्यकता को देखा और आईआरडीए ;माइक्रो इंश्योरेंसद्ध विनियमन, 2005 के जरिए माइक्रो इंश्योरेंस की अवधारणा लाई।

माइक्रो इंश्योरेंस क्या है?

माइक्रो इंश्योरेंस ग्रामीण एवं सामाजिक क्षेत्रों के लिए लाया गया बीमा है। माइक्रो इंश्योरेंस पाॅलिसी का प्रीमियम बहुत कम होता है, जिसे कम आमदनी वाले व्यक्ति भी ले सकते हैं। यहां माइक्रो इंश्योरेंस के कुछ पहलुओं के बारे में बताया गया है, जिन्हें आईआरडीएआई द्वारा परिभाषित किया गया हैः

ऽ सभी बीमा कंपनियों के लिए माइक्रो इंश्योरेंस पाॅलिसी बेचना अनिवार्य है

ऽ माइक्रो इंश्योरेंस पाॅलिसीज की बीमा राशि 5000 रु. से 50,000 रु. के बीच होगी

ऽ सभी बीमा कंपनियों को उनके वार्षिक व्यवसाय का एक न्यूनतम प्रतिशत माइक्रो इंश्योरेंस क्षेत्र से आना चाहिए

ऽ माइक्रो इंश्योरेंस की बिक्री की न्यूनतम आवश्यकता प्रत्येक वर्ष बढ़नी चाहिए

ऽ माइक्रो इंश्योरेंस वर्ग में विभिन्न तरह के जीवन बीमा प्लान्स बेचे जा सकते हैं

माइक्रो इंश्योरेंस पाॅलिसीज की बिक्री किनके द्वारा की जा सकती है?

जीवन बीमा कंपनियों के पास उन प्रतिनिधियों का भिन्न-भिन्न डेडिकेटेड सेगमेंट होगा, जो माइक्रो इंश्योरेंस पाॅलिसीज बेचेंगे। ये पाॅलिसीज विनिर्दिष्ट क्षेत्रों में बेची जाती हैं और इन्हें अलग-अलग तरीके से डिजाइन किया गया होता है। कंपनियां अपने माइक्रो इंश्योरेंस प्लान्स को बेचने के लिए बिचैलियों की मदद ले सकती हैं। गैर-सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह और माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं जैसे बिचैलिये माइक्रो इंश्योरेंस पाॅलिसीज बेच सकते हैं।

माइक्रो इंश्योरेंस का उद्देश्य

माइक्रो इंश्योरेंस का मुख्य उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर उन वर्गों को बीमा समाधान उपलब्ध कराना है, जिन्हें बीमा सुरक्षा की सर्वाधिक आवश्यकता होती है। आईआरडीएआई माइक्रो इंश्योरेंस को इस उद्देश्य से अनिवार्य कर दिया है, ताकि पिछड़े वर्गों का उत्थान हो सके और उन्हें बीमा के जरिए उपलब्ध वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जा सके।

इसलिए, भारत के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए अब बीमा कराना कोई बड़ी बात नहीं रह गयी है। माइक्रो इंश्योरेंस प्लान्स के जरिए, वे बीमा पाॅलिसी खरीद सकते हैं और अपने परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।