लखनऊ: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकापा) ने प्रदेश में फैले अज्ञात ज्वर जो अब महामारी का रूप ले चूका है से मरते बच्चो और लोगो की मौत पर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए , पूरी सरकार को आवाम के प्रति असंवेदनशील करार दिया है । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सरकार से अज्ञात वायरस के चलते हो रही मौत की रोकथाम के लिए युद्धस्तर पर रोकथान और बचाव के लिए कार्यवाही करने की तुरंत मांग की ।

राकापा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने कहा कि संडीला , शाहजहांपुर , हरदोई सीतापुर लखीमपुर समेत पूर्वी उत्तरप्रदेश के कई जिलों में दर्जनों लोगों सहित रहस्यमय बुखार ने अब तक 1000 से ज्यादा जानें ले ली हैं । उन्होंने ने कहा कि पार्टी की जिला इकाईयों से मिल रही सुचना के मुताबिक़ अकेले संडीला में 100 से ज्यादा लोगो को अज्ञात बुखार के चलते जान से हाथ धोना पड़ा है । गाँव के गाँव खली हो गए है । बहराइच मे 50, बरेली में 100 से ज्यादा , कुशीनगर में 138 गोरखपुर में 68 लोगो को जान से हाथ धोना पड़ा है ।

प्रदेश अध्यक्ष रमेश दीक्षित ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के योगी सरकार इस खतरनाक बीमारी की रोकथाम को भूल लोकसभा चुनावों के लिए जमीन तैयार करने मे जुटी है ।

उन्होंने आगे कहा कि पूरे प्रदेश कि स्वास्थसेवा चरमरा गयी है । दूरदराज के जिलो में डॉक्टर्स सहित उचित टीके , दवा सहित चिकित्सीय सुविधा का अभाव है । जो भी न्यूनतम सुविधाएं मौजूद है वो उंट के मुंह में जीरा की तरह है।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने कहा कि प्रदेश सरकार सहित स्वास्थ मंत्री को अज्ञात वायरस के चलते होरी मौतों की रोकथाम के लिए युद्धस्तर पर कार्यवाही करनी चाहिए । उन्होंने आगे कहा कि जानलेवा बीमारी से रोकथाम के नाम पर प्रदेश सरकार ने महज कुछ छोटे अफसरों का तबादला कर अपने कत्तर्व्य की इतिश्री कर ली है। पूरी सरकार संवेदनशील है और जनविरोधी है । सरकार के शपथ लेते हुए ही योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी के चलते सैंकड़ो बच्चे काल के मुंह में समा गए थे , उसके बाद भी सरकार नहीं चेती और न ही कोई प्रभावी कार्यवाही की । उन्होंने आगे कहा कि सरकार आयुष्मान भारत का ढिंढोरा पीट रही मोदी और योगी सरकार की बेपरवाही का आलम यह है कि इस खतरनाक बीमारी का ईलाज कर सकने में सक्षम उच्चस्तरीय केजीएमयू, पीजीआई व इस जैसे अन्य बड़े अस्पताल गरीब के मुफ्त इलाज की इस योजना से ही अलग हैं। खुद मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री इन मौतों से बेखबर हो कर सारा ध्यान लोकसभा चुनाव की तैयारी करने में लगे है । पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा को निजी हाथो में में सौंपने की गुपचुप तैयारी चल रही है । प्रदेश का गरीब गुरबा अस्पतालों से बुखार में पैरासीटामाल भी नहीं पारहा है । प्रदेश के अस्पतालों में ज़रूरी दवाइयों सहित इस महामारी से निपटने के कोई भी संसाधन मौजूद नहीं है और ही सरकार के स्तर कोई कार्यवाही की जा रही है । जिले की स्वास्थ टीमे गाँव में केवल प्रधान या रसूखदार लोगो के यहाँ तक ही पहुँच रही है । पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है ।

डॉ. रमेश दीक्षित ने कहा कि अज्ञात वायरस से हो रही मौतों के सम्बन्ध में शीघ्र ही पार्टी के नेता अन्य सामान्य विचारधारा के दलों के साथ प्रदेश के राज्यपाल महोदय से मिलकर पूरी घटना से अवगत कराएँगे और उनसे ज़रूरी हस्तक्षेप की मांग भी करेंगे ।