चालकों की भर्ती रोकने सम्बंधी आदेश तत्काल वापस लेने की माॅग

लखनऊ: राजकीय वाहन चालक महासंघ के घटक संघों के पदाधिकारियों और सदस्यों ने ग्रेड पे 1900 की जगह 2000 और प्रदेश के समस्त राजकीय विभागों में चालक के लगभग 35 प्रतिशत रिक्त पदों पर भर्ती सहित नौ सूत्रीय मांगों को लेकर 20 सितम्बर से प्रस्तावित काला फीता बांधकर आन्दोलन शुरू कर दिया है। यह आन्दोलन 15 दिनों तक चलेगा। मांगों पर आदेश न होने पर 4 अक्टूबर से ‘‘वर्क टू रूल ’’ आन्दोलन किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष रामफेर पाण्डेय एवं संचालन महामंत्री मिठाई लाल ने आज चालकों की भर्ती पर रोक लगाकर ठेका प्रथा के तह्त चालकों की भर्ती का विरोध करते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। उन्होंने सरकार को आगह किया है कि फिलहाल तो काफी कम संख्या मे ठेका चालक है जिस दिन प्रदेश में समस्त चालक ठेके के माध्यम से होगें व्यवस्था पटरी से उतर जाएगी और परिणाम विकास विरोधी होगें।

प्रदेश अध्यक्ष रामफेर पाण्डेय ने बताया कि नौ सूत्रीय मांगों को लेकर महासंघ के प्रतिनिधि मण्डल की अपर मुख्य सचिव कार्मिक के साथ 27 जुलाई 18 को वार्ता में सहमति बनी थी कुछ मांगों को वित्त विभाग संदर्भित किया गया था लेकिन अब तक कोई आदेश जारी नही हुए। उ.प्र. राजकीय वाहन चालकों को मौलिक नियुक्ति का ग्रेड वेतन 1900 के स्थान पर 2000 रूपये ,उत्तराखण्ड सरकार की भाति राजकीय वाहन चालकों की प्रतिशत व्यवस्था को समाप्त करने, स्टाॅफ कार चालक पदोन्नति स्कीम से अनुपात हटाये जाने। चालकों के रिक्त पदो पर भर्ती,पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली, सरकारी गाड़ी का बीमा कराने, सरकारी गाड़ी सफाई का भत्ता चालक को दिये जाने, चालक पद पर भर्ती नियम में संशोधन किये जाने, सरकारी वाहन का दुरूप्रयोग करना बन्द किये जाने, निजी गाड़ियों को टैक्सी में चलाना बंद कराने, चालकों के भत्ते एवं समयोपरि भत्ते की बढ़ोत्तरी के अनुसार किये जाने, इन्टर मीडियट राजकीय वाहन चालकों को लिपिक या अन्य संवर्ग में 20 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किये जाने और राजकीय वाहन चालकों से सम्बंधित समस्त शासनादेश निगमों, परिषदों,स्थानीय निकायों, कारपोरेशन व प्राधिकरणों में यथावत लागू किये जाने और निर्वाचन डियुटी के दौरान राजकीय वाहन की मरम्मत हेतु विभागीय मद से देय धनराशि को 1000 की जगह 5000 दिये जाने की मांग मुख्य है। लोनिवि के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने बताया कि आज लोक निमार्ण विभाग,सिंचाई, कृषि स्वास्थ्य, आबकारी, लेखा परीक्षा, सूचना एवं जनसम्पर्क, वाणिज्यकर विभाग,सहकारिता, आवास विकास, राजस्व परिषद, कलेक्ट्रेट, राज्य निर्वाचन आयोग सहित महासंघ से सम्बंधित विभागों में रामविलास यादव, त्रिलोक सिंह,पूर्व महासंघ अध्यक्ष प्रमोद कुमार नेगी, जयप्रकाश यादव, कैलास सिंह, ओपी तिवारी, सुशील कुमार सिंह, सरवर अली, शकील अहमद, कैलास साहू, अनिल कुमार मिश्रा रामनरेश मौर्या, सोहन यादव, मोहन गुप्ता, शशिकांत राय, सुशील कुमार सिंह, सूरज यादव, प्रेमप्रकाश, राजकुमार गुप्ता, निर्मल कुमार सोनकर, रामशंकर यादव, वीरेन्द्र सिंह, अरविन्द सिंह बिष्ट, गोपाल सिंह के नेतृत्व में काला फीता बाॅधकर विरोध दर्ज कराया गया।