नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ राजधानी दिल्ली में तीन दिवसीय लेक्चर सीरीज का आयोजन करने जा रहा है। इसमें शामिल होने के लिए देश की उन राष्ट्रीय और क्षेत्रिय पार्टियों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है, जो अक्सर संघ पर प्रहार करते रहते हैं। इनमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके सहित कई अन्य पार्टियां शामिल है। लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर दिया। उनका मानना है कि जिन कारणों की वजह से संघ पर सरदार वल्लभ भाई पटेल ने प्रतिबंध लगाया था, वे कारण आज भी मौजूद हैं।

एक कार्यक्रम में जब अखिलेश यादव से पूछा गया कि आरएसएस ने अपने कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित किया है। क्या वे इस कार्यक्रम में जाएंगे। इसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैं आरएसएस के बारे में बहुत कुछ नहीं जानता हूं। मैंने केवल उतना पढ़ा है कि सरदार पटेल जी ने क्यों बैन लगाया था, आरएसएस पर। इसलिए शायद वह पैराग्राफ पढ़ कर के मेरी हिम्मत तो नहीं होती कि मैं वहां जा पाउंगा। मैं कहता हूं कि सरदार पटेल जी ने जिन बातों को लेकर बैन लगाया था, वो बातें आज भी उसी तरह है। लोगों को उसके बारे में पढ़ना चाहिए।”

बता दें कि तीन दिवसीय लेक्चर सीरीज 17 सितंबर से शुरू होने वाली है। इसमें मोहन भागवत “भारत का भविष्य: एक आरएसएस परिप्रेक्ष्य” पर प्रमुख नागरिकों सहित एक चुनिंदा श्रोताओं को संबोधित करेंगे और बातचीत करेंगे। राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर संघ के विचार को प्रस्तुत करेंगे। पहले दिन भागवत आरएसएस संगठन, इसकी विचारधारा, विजन व कार्यक्रम के बारे में बताएंगे। अगले दिन वे राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न समकालीन मुद्दों जैसे आरक्षण, हिंदुत्व और सांप्रदायिकता पर विचार रखेंगे। यह संघ का पहला ऐसा कार्यक्रम होगा, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर सीधा संवाद होगा। पहले दो दिन ऑडीअन्स के लिखित सवाल लिए जाएंगे। इसके बाद इन्हें शार्टलिस्टेड किया जाएगा और अंतिम दिन सभी सवालों के जवाब दिए जाएंगे।