मुंबई: केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर निशाना साधा है. डॉलर के मुकाबले रुपए में आई गिरावट को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में चिंता जताई है. साथ ही इसके लिए केंद्र की मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. 'सामना' के संपादकीय में लिखा है, 'डॉलर की तुलना में हमारा रुपया बहुत ही चिंताजनक स्थिति में पहुंच चुका है. देश के चलन का मूल्य जब गिरता है तब देश की इज्जत भी उसी गति से गिरती है, ऐसा दावा बीजेपी नेता कांग्रेस के राज में करते रहते थे. ऐसे में आज रुपया गिरते-गिरते जब 100 की ओर लुढ़क रहा है तब देश की प्रतिष्ठा बढ़ रही है, ऐसा समझें क्या?'

शिवसेना के संपादकीय में कहा गया है कि रुपया मृत्युशैया पर पड़ा है फिर भी हिन्दुस्तान की अर्थव्यवस्था दुनिया के छठवें नंबर जितनी ‘मजबूत’ है, ऐसा दावा करना हास्यास्पद है. साथ ही सवाल उठाए गए हैं कि रुपए की गिरावट को रोकने के लिए सरकार ने क्या उपाय किए हैं या कर रही है? किस तरह के कदम उठाए हैं? इस मामले में भी कुछ नहीं हुआ. वह भी सिर्फ गिरते हुए रुपए के मूल्य को बढ़ाने के लिए ही रुपया क्यों गिरा, अर्थव्यवस्था क्यों डूबी? इसके पीछे यही वजह होगी तो देश भी डूब रहा है, इसे स्वीकार करना होगा.

इससे पहले शिवसेना ने महाराष्ट्र पुलिस के इस दावे को ‘मूर्खतापूर्ण’ बताया कि गिरफ्तार किए गए पांच वामपंथी कार्यकर्ता मोदी सरकार को पलटने की कथित माओवादी साजिश में शामिल थे. शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर भी सवालिया निशान लगाया और कहा कि उनकी सुरक्षा मजबूत है और उस संबंध में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

शिवसेना के मुखपत्र सामना में सोमवार को प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है, ‘‘सरकार को यह कहना बंद करना चाहिए कि ये तथाकथित माओवादी केंद्र की मौजूदा सरकार को पलट सकते हैं. यह मूर्खतापूर्ण बयान है.’’ मराठी दैनिक में कहा गया है कि मनमोहन सिंह की सरकार देश की जनता ने हटायी थी न कि माओवादियों या नक्सलियों ने. आज सरकारें लोकतांत्रिक तरीके से ही हटायी जा सकती हैं.

शिवसेना ने कहा कि पुलिस को ऐेसे दावे करते समय संयम बरतना चाहिए. पार्टी ने कहा कि अगर माओवादियों को सरकारें पलटने की क्षमता होती तो वे पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मणिपुर में अपना नियंत्रण नहीं गंवाते.

शिवसेना ने आगाह किया कि पुलिस को जीभ पर लगाम लगाकर काम करना चाहिए, अन्यथा मोदी और भाजपा का एक बार फिर मजाक बनेगा. पार्टी ने कहा कि एक और मुद्दा प्रधानमंत्री की सुरक्षा का है. मोदी की सुरक्षा काफी उच्च स्तर की है और इस संबंध में चिंता करने की जरूरत नहीं है.

संपादकीय में कहा गया है, ‘इंदिरा गांधी और राजीव गांधी में निडरता थी. उस साहस ने उनके साथ घात किया. लेकिन मोदी इस तरह का साहस नहीं करेंगे.’ इसमें माओवाद के प्रति सहानुभूति रखने वालों को भी निशाना बनाया गया है. इसके अलावा भगवा आतंकवाद संकल्पना के लिए पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री तथा कांग्रेस नेता पी चिदंबरम पर भी निशाना साधा गया है. पार्टी ने कहा कि नक्सलवाद कश्मीर के आतंकवादियों की तुलना में ज्यादा भयावह है और वह देश को अंदर से खोखला कर रहा है.