कानपूर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार (31 अगस्त) को हाइवे पर कथित गोरक्षकों को दौड़ा-दौड़ा कर गांववालों ने बुरी तरह पीटा। कारण- घटना से पहले इन्हीं गोरक्षकों ने यहां कुछ पशु कारोबारियां का पीछा कर उनकी पिटाई की थी। गांववाले इसी बात पर भड़क गए थे, जिसके बाद उन्होंने पशु कारोबारियों पर हमला बोलने वालों को सड़क से पुलिस चौकी तक दौड़ा था। हालांकि, कुछ ही देर में मामला पुलिस के सामने आ गया, पर पुलिस ने इसमें समझौतानामा लिखवा लिया। यह बात बाहर निकली, तो पुलिस पर दबाव बना, जिसके बाद शनिवार (एक सितंबर) को इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई।

रिपोर्ट्स के अनुसार, हुआ यूं कि शुक्रवार को फतेहपुर से यहां के महाराजपुर थाना क्षेत्र स्थित नेशनल हाइवे-2 से हाथीपुर गांव निवासी अब्बास फतेहपुर के मवेशी बाजार से भैंसें लेकर डीसीएम गाड़ी से आ रहा था। बीच रास्ते में उसे चार लोगों ने रोका, जिन्होंने उससे 10 हजार रुपए की मांग की। मना किया, तो वे उसे बुरी तरह मारने-पीटने लगे। बाद में अब्बास ने उन्हें दो हजार रुपए देने का बहाना बनाकर बचने की सोची, जिस पर हमलावरों ने मोटरसाइकिल से अब्बास का पीछा किया।

सरसौल चौकी के पास चारों आरोपियों ने चलते वाहन की स्टियरिंग व्हील काबू कर ली, जिसके बाद वह वाहन एक ट्रैक्टर से जा टकराया। अब्बास को इसके बाद चारों ने पीटना शुरू कर दिया। आसपास के कुछ लोगों ने जैसे ही यह सब देखा वे अब्बास की मदद को आए। उन्होंने कुछ और गांव वालों को मदद के लिए बुला लिया, जिसके बाद जमकर उन चारों की पिटाई हुई। दावा है कि लाठी-डंडों से पीटते हुए आरोपियों को चौकी ले जाया गया था।

गांव वालों का गुस्सा कुछ इस कदर था कि उन्होंने चौकी के भीतर भी आरोपियों को पीटा। पुलिस ने बीच-बचाव के बाद समझौता करा दिया था। मगर उसी दौरान किसी ने घटना का वीडियो बना लिया था। आरोपियों को बचाने और समझौता कराने से जुड़ी यह क्लिप वायरल हुई, तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस ने इसके बाद दोनों पक्ष के चार-चार लोगों को हिरासत में लिया और फिर रिपोर्ट लिखी। आरोपियों की पहचान विक्की, रवि, आशीष और दिवाकर के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, मामले में लापरवाही बरतने को लेकर बृजेश नामक सिपाही को निलंबित किया गया है।