नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर लगातार हमले कर रहे हैं. उन्होंने कई बार सार्वजनिक तौर पर आरएसएस को देश के लिए खतरा भी बताया था. हाल में विदेश दौरे पर गए राहुल गांधी ने मुस्लिम भाईचारे की बात करते हुए कहा था कि 'आरएसएस देश के स्वभाव को बदलने की कोशिश कर रही है. इसके विचार मुस्लिम ब्रदरहुड के विचारों जैसे ही हैं.' अब आरएसएस ने कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान का जवाब दिया है. आरएसएस का कहना है, राहुल 'गांधी न तो संघ को जानते हैं और न ही भारत देश को.'

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने सोमवार को दिल्ली में मीडिया को बताया कि राहुल न तो संघ को जानते हैं और न ही भारत को जानते हैं. उनकी बातों में किसी तरह की कोई गंभीरता नहीं है और उन्हें इस्लामिक आतंकवाद के बारे में जानकारी भी नहीं है.

अरुण कुमार ने कहा, 'नौजवानों के मन में आरएसएस को जानने की उत्सुकता बढ़ रही है. संघ का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन कुछ दूसरी पार्टियों से जुड़े लोगों ने संघ को राजनीति से जोड़ दिया है जो कि अनावश्यक है. ऐसी स्थिति में हमें लगा कि जाने-माने लोगों से मीटिंग होनी चाहिए.'

बता दें कि भविष्य के भारत की दिशा और दशा कैसी हो इसे लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अगले महीने तीन दिनों के लिए एक कॉन्क्लेव का आयोजन करने जा रहा है. तीन दिनों तक चलने वाली इस कॉन्क्लेव का आयोजन दिल्ली के विज्ञान भवन में 17 से 19 सितंबर के बीच किया जाएगा. इस कॉन्क्लेव में खास तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी को बुलाया जा सकता है.

आरएसएस का यह कार्यक्रम ऐसे समय में होने जा रहा है जब राहुल गांधी लगातार नरेंद्र मोदी सरकार पर उनकी नीतियों को लेकर हमले बोल रहे हैं. यही नहीं यूरोप दौरे पर एक बार बातचीत के दौरान उन्होंने आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से की थी.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोगों को जोड़ने का काम करती है, जबकि बीजेपी-आरएसए उन्हें तोड़ने और उनके बीच घृणा फैलाने का काम करते हैं. वे नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस के लोग सभी मंत्रालयों और विभागों में हैं और नोटबंदी के लिए यही लोग ज़िम्मेदार हैं.