मुंबई: भारत के पहले पर्सनलाइज्ड मंच, टर्टलमिंट ने 2017 में बीमा एजेंटों के लिए एक मोबाइल ऐप मिंटप्रो पेश किया था और इसने अब तक अपने इस डिजिटल भागीदारी कार्यक्रम के तहत देश भर के 700 शहरों में 10000 से अधिक भागीदार (पीओएसपी- पॉइंट ऑफ़ सेल पर्सन) बनाये हैं। मंच पर दर्ज भागीदारों की संख्या अगले छह महीने में 50000 से अधिक हो जाएगी।

पीओएसपी ऐसा व्यक्ति है जो कम से कम 10वीं पास हो और उसने वाहन, स्वास्थ्य, जीवन, यात्रा और अन्य खण्डों के बीमा उत्पादों के विपणन के सम्बन्ध में प्रशिक्षण लिया हो और इसकी परीक्षा पास की हो। टर्टलमिंट का डिजिटल भागीदारी कार्यक्रम, बीमा एजेंटों को मिंटप्रो ऐप से लैस करता है जिसमें ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने से जुड़ी कई विशेषताएं हैं, मसलन एक साथ बहुत सी बीमा योजनाओं की तुलना की सुविधा, ग्राहक की जरूरत के मुताबिक विकल्प-सलाह और ऑनलाइन बीमा जारी करना आदि।

टर्टलमिंट के सह-संस्थापक श्री धीरेन्द्र मह्यावंशी ने कहा, “पीओएसपी की तैनाती उन ऑनलाइन ग्राहकों को सेवा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है जो ऑनलाइन रिसर्च तो कर लेते हैं लेकिन बीम योजना एजेंट से खरीदते हैं। हमारी अगले कुछ महीनों में कई और शहरों में विस्तार की योजना है। हमारा पीओएसपी चैनल उन ग्राहकों को आखिर तक मदद करता है जिन्हें बीमा खरीदने और दावा प्रक्रिया में एजेंट की व्यक्तिगत रूप से जरूरत पड़ती है।”
यह कम्पनी जो प्रोप्राइटरी अल्गोरिदम और डाटा एनेलिटिक्स के आधार पर ग्राहकों को विकल्प सुझाती है वह भारत में ऐसी पहली संस्था भी थी जिसने दावे के सम्बन्ध में 100 प्रतिशत सहायता के साथ फेसबुक पर बीमा बिक्री से जुड़ा चैटबॉट शुरू किया था।

एजेंट, मोबाइल एप्लीकेशन, मिंटप्रो स्मार्टफ़ोन पर मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं जिससे उन्हें अपने इलाके में लोगों तक पहुँचने और उत्पाद मुहैया कराने में मदद मिलती है और इसके तहत ग्राहकों को तुरंत बीमा योजना मुहैया कराने के लिए उनसे जुड़ी न्यूनतम व्यक्तिगत जानकारी साझा करने की आवयश्कता होती है। साथ ही ग्राहकों की बदलती जरूरतें और इन्टरनेट प्रसार की तेज़ी से बढ़ती दर से बीमा उद्योग में तेज़ी आ रही है जिसे अप्रत्यक्ष रूप से डिजिटल भुगतान मंचों की बढ़ती मांग से मदद मिल रही है जिसका फायदा पीएसपीओ मोबाइल आधारित एप्लीकेशन के जरिये उठा सकते हैं। उद्योग को और वितरकों की जरूरत है जो सीधे ग्राहक से संपर्क कर पायें ताकि देश में बीमा उद्योग का प्रसार हो।