नई दिल्ली: बैंकिंग घोटाले के आरोपी और भगोड़े मेहुल चोकसी को नागरिकता देने पर एंटीगुआ सरकार ने सफ़ाई दी है कि भारत सरकार ने भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को क्लीन चिट दे दी थी उसके बाद ही उसे नागरिकता दी गई है. एंटीगुआ का कहना है कि भारत सरकार से चोकसी के ख़िलाफ़ कोई सूचना नहीं थी. यहां तक की सेबी ने भी चोकसी के नाम पर मंज़ूरी दी थी. चोकसी के बैकग्राउंड की सख़्ती से जांच की गई, लेकिन उसके ख़िलाफ़ कुछ नहीं मिला था. गौरतलब है कि एंटीगुआ प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि भारत में वांछित मेहुल चोकसी उनके देश में है। मेहुल चोकसी को कथित तौर पर भारत में 2 अरब डालर के घोटाले का मास्टरमाइंड माना गया है. वह नीरव मोदी का मामा है. एंटीगुआ की ओर से कहा गया है कि अगर भारत सरकार की ओर से मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिये कहा जाता है तो यहां की सरकार उसके अनुरोध का सम्मान करेगी.

कांग्रेस ने पंजाब नेशनल बैंक के दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के एंटीगुआ की नागरिकता लेने को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया इससे सरकार की गंभीरता पर संदेह पैदा होता है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दुखद है कि मोदी सरकार बैंको को ठगने वालों को देश से बाहर भागने से रोकने और उनको कानून की जद में लाने में विफल रही. हमारा सवाल है कि चोकसी ने हांगकांग, यूएई, बेलिज्यम, ब्रिटेन, अमेरिका और एंटिगुआ की यात्रा कैसे की?’’

उन्होंने आरोप लगाया कि इससे चोकसी को वापस लाने के संदर्भ में मोदी सरकार की गंभीरता पर संदेह पैदा होता है. दरअसल, चोकसी ने दावा किया है कि उसने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए पिछले वर्ष कैरेबियाई देश एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी. एंटीगुआ की स्थानीय मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, चोकसी का दावा है कि एंटीगुआ के पासपोर्ट पर 132 देशों में बिना वीजा के यात्रा करने की छूट है.