लखनऊ: धर्म निरपेक्ष मूल्यों के लिए और बाल बंधुआ मज़दूरी के ख़िलाफ़ लंबे अरसे से संघर्षरत आर्य समाजी विचारक स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले की रिहाई मंच ने कड़ी निंदा की है. रिहाई मंच ने इंसाफ़पसंद नागरिकों से अपील की है कि वे आगामी 20 जुलाई को लखनऊ के विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित धरने में शामिल हों.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि जयश्री राम और मोदी का नारा लगाते हुए 80 वर्षीय स्वामी पर किया गया हमला अराजकता की पराकाष्ठा है. एक तरफ उच्चतम न्यायालय भीड़ द्वारा किये जानेवाले हमलों को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कठोर टिप्पणी के साथ नोटिस करती है और उसी दिन भाजुमो और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं द्वारा झारखंड सरकार के संरक्षण में यह हमला किया जाता है. इससे साबित होता है कि संघ गिरोह देश को देश की न्यायिक व्यवस्था की कोई परवाह नहीं है.

रिहाई मंच ने कहा कि संघ गिरोह समझता है कि ऐसे हमलों से वो न्याय की आवाजों को दबा देगा लेकिन देश में प्रतिरोध की ताकतें चुप बैठनेवाली नहीं. डाभोलकर, कलबुर्गी, पंसारे, लंकेश की परंपरा को समाप्त नहीं किया जा सकता. गाय और धर्म के नाम पर लोगों को मारने और धमकानेवाली ताकतों द्वारा किया गया यह हमला बताता है कि इन ताकतों का धर्म से कोई लेनादेना नहीं है. यह हमला उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों को ठेंगा दिखाना है. उच्चतम न्यायालय को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करना चाहिए.