नई दिल्ली: देश में लगातार हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने आज लोकसभा में बयान दिया है। उनका कहना है कि आर्थिक गैरबराबरी (असमानता) के कारण ये घटनाएं होती हैं। लेखी ने यह बात सदन के शून्यकाल के दौरान कही। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (17 जुलाई) को मॉबोक्रेसी के बारे में कहा था। बंगाल प्रवासी कार्यकर्ता माणिक रॉय और केरल के आदिवासी युवक मधु की हत्या के मामलों का उल्लेख करते हुए लेखी ने कहा कि ये घटनाएं आर्थिक असमानता के कारण हुई थीं। उन्होंने कहा, ‘यह आर्थिक असमानता के कारण है।’

आपको बता दें कि पिछले महीने केरल के तिरुवनंतपुरम में कुछ लोगों ने रॉय की जमकर पिटाई की थी। रॉय के ऊपर आरोप था कि उसने मुर्गी चोरी की थी। भीड़ ने रॉय को इस कदर पीटा था कि आखिर में उसने अपना दम तोड़ दिया था। वहीं फरवरी में 30 साल के आदिवासी युवक मधु के ऊपर चोरी का आरोप लगाते हुए कुछ लोगों ने उसकी जोरदार पिटाई की थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।

वहीं मंगलवार को भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग) के मामलों पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राज्यों को स्थिति की गंभीरता समझाते हुए सलाह देने और इससे निपटने के लिए कदम उठाने के लिए कहने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने निरोधक दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि गश्ती में गंभीरता लाई जानी चाहिए जिससे आपराधिक तत्वों को निराशा मिले। इसके अलावा कोर्ट ने सरकार को मॉब लिंचिंग पर अलग कानून बनाने की सलाह भी दी। न्यायालय ने कहा कि ‘भीड़तंत्र के भयानक कार्यो’ को ‘एक नई सामान्य घटना’ बनने की इजाजत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने विशेष कानून बनाने की बात कहते हुए कहा, ‘एक विशेष कानून डर का माहौल पैदा करेगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कानून का डर और कानून के आदेश का आदर एक सभ्य समाज की आधारशिला रखते हैं।’