लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी राज्य के विकास और खुशहाली में संग्रहीत राजस्व की बड़ी भूमिका होती है। क्योंकि इस संग्रहीत राजस्व से ही राज्य सरकार द्वारा विकास और लोक कल्याणकारी कार्याें को सम्पादित किया जाता है। इसके दृष्टिगत वाणिज्य कर विभाग के दायित्व अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। राज्य सरकार द्वारा संग्रह किये जाने वाले राजस्व का सर्वाधिक भाग वाणिज्य कर विभाग द्वारा ही संग्रहीत किया जाता है। उन्हांेने कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के देश और प्रदेश के सर्वांगीण विकास के संकल्प को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान मंे उ0प्र0 वाणिज्य कर सेवा संघ के 52वें वार्षिक अधिवेशन के उद्घाटन अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सर्वाधिक उपभोक्ताओं वाला प्रदेश है, इसलिए यहां राजस्व प्राप्ति की भी असीम सम्भावनाएं हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु प्रदेश सरकार द्वारा निरन्तर कदम उठाये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक बाजार, एक कर’ की संकल्पना को मूर्तरूप देते हुए 1 जुलाई, 2017 से पूरे राष्ट्र में समान कर-प्रणाली जी0एस0टी0 लागू की गयी। देश की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने के लिए यह आवश्यक था। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के व्यापारियों को पारदर्शी एवं प्रभावी कर व्यवस्था मिले।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सफलतापूर्वक जी0एस0टी0 लागू होने पर अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने राजस्व संग्रह में अच्छा काम किया है। आवश्यकता इस बात की है कि इसे और बेहतर ढंग से लागू किया जाए, जिससे आने वाले समय में अधिक से अधिक व्यापारियों को पंजीकृत कर राजस्व बढ़ाने का काम किया जा सके।