लाहौर: भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी करार दिये जाने के एक हफ्ते बाद शुक्रवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ गिरफ्तारी का सामना करने के लिए अपनी बेटी मरियम के साथ स्वदेश लौट आये. अबु धाबी से लाहौर पहुंचे नवाज शरीफ को हवाई अड्डे पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. एयरपोर्ट पहुंचने के बाद इमिग्रेशन चेकिंग के दौरान नवाज और मरियम के पासपोर्ट ले लिए गए. उसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. खबरों के अनुसार नवाज शरीफ टर्मिनल की ओर जाने के लिए गाड़ी में बैठने के तैयार नहीं हुए तो उन्‍हें पैदल ही टर्मिनल की ओर ले जाया गया. एएसएफ कमांडो के घेरे में नवाज को विशेष विमान में बिठाया गया. यहां से उन्‍हें रावलपिंडी की अदियाला जेल ले जाया जा सकता है.

उधर लाहौर की सड़कों पर नवाज शरीफ समर्थकों का हुजुम उमड़ा. समर्थकों और सुरक्षाबलों में झड़प भी हुई जिसके बाद कई समर्थकों को गिरफ्तार भी किया गया.

शरीफ और मरियम को लेकर आ रहा विमान स्थानीय समयानुसार रात करीब सवा नौ बजे लाहौर के अल्लामा इकबाल हवाई अड्डे पर पहुंचा. विमान अपने निर्धारित समय से करीब तीन घंटे देर से था. एत्तिहाद एयरवेज की उड़ान ई वाई 243 अबू धाबी से यहां पहुंची. यहां आने से पहले शरीफ और उनकी बेटी लंदन से संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी पहुंचे थे. शरीफ की पत्नी लंदन में अस्पताल में भर्ती हैं.

NAB ने लाहौर और इस्लामाबाद में दो हेलीकॉप्टर तैयार रखे हैं जो दोनों को गिरफ़्तार कर हवाई मार्ग से रावलपिंडी की अदियाला जेल ले जाएगी. वहीं पाकिस्तान सरकार ने करप्शन के मामले में दोषी करार लोगों के TV इंटरव्यू पर रोक लगा दी है. लंदन में अवैध तरीक़े से संपत्ति खरीदने के मामले में नवाज़ शरीफ़ को 10 साल तो उनकी बेटी मरियम को 7 साल की सज़ा सुनाई गई है.

मोहम्मद नवाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. सबसे पहले एक नवंबर 1990 को पाक के 12 वें प्रधानमंत्री बने थे और इस पद पर 18 जुलाई 1993 तक रहे. इसके बाद 14 वें पीएम के रूप में उनका कार्यकाल 17 फरवरी 1997 से 12 अक्टूबर 1999 तक रहा. शरीफ तीसरी बार 5 जून 2013 को पाक के 27 वें प्रधानमंत्री बने. साल 2016 में पनामा पेपर लीक मामले में शरीफ का नाम आने के बाद 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पीएम के पद के लिए अयोग्य करार दिया और 28 जुलाई 2017 को उन्हें प्रधानमंत्री के पद से हटाना पड़ा. नवाज़ शरीफ को साल 2000 में तख्तापलट के बाद तत्कालीन सैन्य शासक मुशर्रफ़ ने निर्वासित कर दिया था.