मृत्युंजय दीक्षित

देश व विरोधी दलों की बेहद मांग पर सेना की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत वींिडयो के रूप में जारी कर दिये गये हैं। राजनैतिक व सामरिक क्षेत्रों में माना जा रहा है कि भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर में लाइन आफ कंट्रोल के तीन किमी पार जाकर आतंकी शिविरों पर हमले किये थे और वीडियो के अनुसार सौ के आसपास आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराने में सफलता प्राप्त की थी। इस महाअभियान की खबर किसी को भी नहीं लग सकी थी और भारतीय सेना ने अपना अभियान सफलता पूर्वक बिना किसी खरांेच के पूरा किया और जिसके कारण हर भारतीय का सीना गर्व से चैड़ा हो रहा था । लेकिन वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान सरकार व वहां की सेना तथा खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकी संगठन व उसके सरगना हाफिज सईद ऐसी किसी भी घटना व कार्यवाही को सिरे से नकार रहे थे। लेकिन सबसे बड़े दुख व दुर्भाग्य की बात यह है कि भारत के सभी मोदी व बीजेपी विरोधी राजनैतिक दल सरकार व सेना की ओर से की गयी इस स्ट्राइक पर सवालिया निशान उठा रहे थे सेना का मनोबल गिराने वाली भाषा बोल रहे थे और सरकार व सेना से सबूत मांग रहे थे। सेना की ओर से वीडियो जारी हो जाने के बाद अब यह सभी दल और नेता बेनकाब हो चुके हैं। सेना ने यह वीडियो 636 दिनों के बाद जारी किये है। देशभर के सभी टी वी चैनलों में इन वीडियोज का सीधा प्रसारण किया जा रहा है तथा देश की जनता व सेना के जवानों के परिवार बड़े गर्व के साथ इन सबूतों को दे,ख रहे है। तथा अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। भारतीय सेना की ओर से की गयी कार्यवाही से भारतीय सेना का स्थान पूरे विश्व में ऊंचा हुआ है तथा आज पूरा विश्व ही नहीं अपितु भारत का हर नागरिक सेना की सफलता पर उसके साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा है लेकिन देश के तथाकथित राजनेता जो अब तक केवल सेना और उसकी कार्यप्रणाली संदेह व्यक्त करते रहे हैं सबूत मांगते रहें हैं वह लोग आज भी नहीं सुधरे हैं।

इन वीडियोज में दिखया गया है कि किस तरह भारतीय सेना के कमांडोज ने पाकिस्तानी सीमा में घुसकर आतंकियों के चार अलग – अलग ठिकानों को निशाना बनाया था। भारतीय सेना के कमांडो की 8 टीमों ने इस हमले को अंजाम दिया था। पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद सेना के सभी कमांडोज सुरक्षित वापस लौट आये थे। आपरेशन करने के बाद भारत ने पाकिस्तान को कहा था कि लाशें ले जाओ। उस समय देश के कई नेताओं जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल , कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह, संजय निरूपम, प्रशांत भूषण सरीखे नेता सरकार व सेना से सबूत मांग रहे थे तथा सबूत मांगने वाले यह सभी नेता लगभग पाकिस्तानी भाषा और आतंकवादी संगठनों व नेताओं की भाषा बोल रहे थे तथा अपने आका हाफिज सईद के पक्ष में बयानबाजी करते हुए पूरी तरह से देशद्रोह कर रहे थे। यह वही लोग हैं सेना के कश्मीर घाटी में चलाये जा रहे आपरेशन आॅल आउट पर भी सवालिया निशान उठा रहे हैं। संजय निरूपम जैसे गददार नेता के सरगना और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पाीएम मोदी के खिलाफ सेना के जवानों के खून के सौदागर जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर चुके हैं तथा यही सब नेता सेना प्रमुख के खिलाफ सड़क के गुंडे जैसे शब्दों का प्रयोग कई बार कर चुके हैं। इन सभी नेतओं को यह बात अच्छी तरह से पता होना चाहिये कि भारत ही ऐसा लोकतांत्रिक देश है जहां पर हर विरोधी नेता अपने विचारों को पूरी स्वतंत्रता के साथ प्रकट कर सकता है। यही कारण है कि आज यह सभी नेता मोदी विरोध के नाम पर देशद्रोह तथा गद्दारी पर उतर आये हैं।
कांग्रेसंी नेता सैफुददीन सोज की पुस्तक के विमोचन समारोह से जहां कुछ बेहद समझदार कांग्रेसी नेताओं ने बयानबाजी के बाद उससे दूरी बना ली थीं लेकिन एक सबसे बड़ा गददार और धूर्त बुद्धिजीवि अरूण शौरी वहां पर पहुंचकर एक बार फिर भारतीय सेना की ओर से की गयी महानतम सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जिकल स्ट्राइक बता रहे थे। अरूण शौरी बाजपेयी सरकार में विनिवेश मंत्री थे लेकिन तक वे पूरी तरह से फ्लाप हो चुके थे तथा मोदी व अमित शाह की जोड़ी में उनको कोई मंत्री का पद नहीं मिला यही कारण है कि वह अब मोदी सरकार व सेना के हर काम को फर्जी बताकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। लेकिन इन महामूर्ख नेताओं को यह नहीं पता कि आखिर वह किसका नुकसान कर रहे हैं। आज सेना ने जो र्वीिडयोज जारी किये हैं वह अरूण शौरी जैसे गददार, देशद्रोही नेताओं को करारा तमाचा है। अब देश की जनता मोदी सरकार से नहीं अपितु इन तथाकथित देशद्रोही नेताओं से जवाब मांग रही है।

वीडियोज जारी होेने के बाद कांग्रेसी नेता कह रहे हैं कि सरकार की ओर से सेना का राजनैतिककरण किया जा रहा है तथा यह भी आरेाप लगाया जा रहा है कि बीजेपी यह सब कुछ वोट पाने के लिये कर रही है। सबसे बडत्री बात तो यह हे कि इन वीडियोज के समाने आ जाने के बाद अब कांग्रसे व विरोधी दलां के पास जनता के पास जाने के लिये मुददा नहीं रहा गया है। कांग्रेस पार्टी को याद होना चाहिये कि उन्हीं की पार्टी के नेता पी चिदम्बरम ने सरकार व सेना से सबूत मांगे थे जबकि वह खुद कितने घोटालों में एक के बाद फंसते जा रहे हैं। अब चिदम्बरम व अरूण शौरी जैसे गददारों को जवाब मिल गया है तथा सबूत भी अब तो इन सभी नेताओं को शर्म करनी चाहिये तथा देशवासियों से मांफी मांगनी चाहिये। वैसे भी केजरीवाल सरीखे नेता बड़ी आसानी से आरोप लगाकर माफी मांगते रहे हंै। अरूण शौरी जैसे नेता को जेल में होना चाहिये।