मुंबई: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद फिर से दोनों दलों के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट तेज हुई है। सूत्रों के मुताबिक शिवसेना ने बीजेपी के सामने शर्त रखी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 का ही फार्मूला जारी रखेंगे। हालांकि, विधान सभा चुनाव में सेना ने 288 सीटों में से कुल 152 सीटें मांगी हैं और बाकी बची 136 सीटें बीजेपी को देने की बात कही है। इसके अलावा शिव सेना ने यह भी शर्त रखी है कि पीएम तुम्हारा होगा पर सीएम हमारा होगा। बता दें कि शिव सेना के प्रवक्ता संजय राउत कहते रहे हैं कि उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी। बीजेपी अध्यक्ष की मुलाकात को भी राउत ने राजनीतिक ड्रामा करार दिया था।

शिवसेना के अनुसार पार्टी लोकसभा और विधान सभा दोनों पर एकसाथ समझौता करना चाहती है क्योंकि अगर केंद्र में शिवसेना के समर्थन से एक बार बीजेपी की सरकार बन गई तो शिव सेना विधान सभा चुनाव में अकेले लड़कर भी सत्ता हासिल नहीं कर पाएगी। दरअसल, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे राज्य में अब अपनी पार्टी का सीएम चेहरा देखना चाहते हैं। सूत्र बता रहे हैं कि मातोश्री में जब अमित शाह और उद्धव ठाकरे बंद कमरे में मुलाकात कर रहे थे तब शिवसेना ने शाह के सामने 152 सीटों का प्रस्ताव रखा था, तब शाह ने उद्धव को भरोसा दिलाया कि वो जल्द ही इस फार्मूले पर चर्चा करेंगे।

इधर, बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी 130 से ज्यादा असेंबली सीटें शिवसेना को नहीं दे सकती है। अमित शाह ने भी महाराष्ट्र में पार्टी पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों से अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में रणनीति बनाने को कहा है। बता दें कि 2014 का विधान सभा चुनाव शिव सेना और बीजेपी ने अलग-अलग लड़ा था। हालांकि, बाद में दोनों दलों ने मिलकर सरकार बनाई। 2014 में लोकसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ मिलकर लड़ा था। राज्य की 48 संसदीय सीटों में से बीजेपी ने 26 पर चुनाव लड़ा था जबकि शिवसेना ने 22 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। चुनावों में बीजेपी ने 23 और शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी।