बंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के 'दोस्ती' से एचडी कुमारस्वामी ने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके 8 दिन बाद आखिरकार कांग्रेस-जेडीएस के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है. कर्नाटक कैबिनेट में जेडीएस-कांग्रेस बराबर-बराबर पोर्टफोलियों रखेंगे. वित्त मंत्रालय जेडीएस के पास रहेगा, जबकि कांग्रेस गृह मंत्रालय अपने पास रखेगी. दोनों पार्टियों ने ऐलान किया कि जेडीएस-कांग्रेस मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी.

शुक्रवार को एचडी कुमारस्वामी ने यह भी साफ कर दिया कि वे अगले 5 साल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. बता दें कि अभी हाल में ऐसी अटकलें लग रही थीं कि कांग्रेस और जेडीएस के बीच मंत्री पद के बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को लेकर खटपट चल रही है. लेकिन, सीएम के ऐलान से स्थिति साफ हो चुकी है.

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, "सबकुछ तय हो चुका है. जो भी दिक्कतें थी, उन्हें सुलझा लिया गया. पार्टी जेडीएस को वित्त मंत्रालय देने के लिए तैयार है. इसके बदले में गृह मंत्रालय कांग्रेस के पास रहेगा." बता दें कि पोर्टफोलियों पर फैसला लेने को लेकर गुरुवार से मीटिंग चल रही थी.

मीटिंग में यह भी तय हुआ कि सरकार के कामकाज की समीक्षा के लिए दोनों पार्टियां मिलकर को-ऑर्डिनेशन और मॉनिटरिंग कमिटी बनाएगी, जो हर महीने एक बार बैठक करेगी. वैधानिक बोर्ड और अन्य संगठनों के गठन में भी इस मॉनिटरिंग कमिटी की सलाह ली जाएगी. पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को-ऑर्डिनेशन कमिटी के हेड होंगे. जबकि, जेडीएस नेता दानिश अली को कन्विनर बनाया गया है.

कांग्रेस को मिले ये मंत्रालय और विभाग

गृह, सिंचाई, बेंगलुरु सिटी डेवलपमेंट, उद्योग और चीनी उद्योग, स्वास्थ्य, राजस्व, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, कृषि, आवास, चिकित्सीय शिक्षा, सामाजिक कल्याण, वन और पर्यावरण, श्रम, खनन और भूगर्भ, महिला और बाल कल्याण, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, हज/वक्फ और अल्पसंख्यक मामले, कानून और संसदीय मामले, विज्ञान और तकनीकी, खेल और युवा मामले, बंदरगाह और परिवहन विकास

जेडीएस को मिले ये विभाग

सूचना (जीएडी, इंटेलीजेंस, प्लानिंग), वित्त, पीडब्ल्यूडी, बिजली, को-ऑपरेशन, पर्यटन, शिक्षा, पशुपालन और मछलीपालन, बागवानी और रेशम के कीड़ों का पालन, लघु उद्योग, परिवहन, माइनर इरिगेशन.