इस्लामाबाद: चौतरफा घिरे पाकिस्तान को चीन ने सलाह दी है कि वह मुबंई हमलों के गुनाहगार और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को किसी और देश में भेज दे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुद पाकिस्तान को यह सलाह दी है। जिनपिंग ने पिछले महीने बोआओ फोरम फॉर एशिया सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से करीब 35 मिनट की मुलाकात में कम से कम दस मिनट हाफिज सईद के मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने अब्बासी से कहा कि सईद को पश्चिमी एशियाई देश में बाकी की जिंदगी शांति से जीने की अनुमति दें। इससे पहले भी चीनी राष्ट्रपति ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री पर दबाव बनाते हुए कहा कि वह किसी भी तरह सईद को चमक-दमक की दुनिया से दूर रखें। नाम ना बताने की शर्त पर अब्बासी के करीबी ने यह जानकारी अंग्रेजी अखबार द हिंदू को दी है।

रिपोर्ट के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति से बातचीत के बाद अब्बासी ने सरकार की कानूनी टीम से मामले में सलाह ली है। हालांकि अभी तक मामले में कोई समाधान नहीं निकाला जा सका है। माना जा रहा है कि यह मुद्दा इस सरकार में नहीं सुलझाया जा सकेगा, क्योंकि पाकिस्तान की मौजूदा सरकार का कार्यकाल इस साल 31 मई को पूरा हो रहा है, जबकि अगली सरकार के लिए चुनाव जुलाई के अंत तक होंगे।

जमात-उद-दावा ने अमेरिका और भारत के दबाव में आकर हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। वहीं संगठन प्रमुख सईद, जिसने बीते मंगलावर (22 मई, 2018) को इफ्तार के बाद कुछ पत्रकारों से मुलाकात की, ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया कि चीन उसपर प्रतिबंध लगाकर पाकिस्तान से बाहर भेजना चाहता है। हालांकि उसने स्वीकार किया कि चीन सुपर पॉवर के रूप में काम करेगा और पाकिस्तान को निर्देश देगा। सईद ने इस बात से भी इनकार किया है कि हाल के सप्ताह में सरकार के नुमाइंदों ने उससे जमात-उत-दावा के भविष्य को लेकर बातचीत की।

बता दें कि सयुंक्त राष्ट्र, अमेरिका और भारत ने हाफिज सईद को वैश्विक आंतकी घोषित कर रखा है। उसपर 50 लाख डॉलर का इनाम है। हाफिज सईद पर मुंबई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप है। वैश्विक दबाव के बाद पाकिस्तान ने उसे घर में नजरबंद किया। ये प्रक्रिया करीब आठ महीना चले, बाद में बढ़ते दबाव के बाद उसे रिहा कर दिया गया।