लखनऊ: उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) के संदिग्ध एजेंट को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिरीक्षक (एटीएस) असीम अरुण ने बताया कि गत तीन मई 2017 को यूपी एटीएस द्वारा मिलिट्री इंटेलिजेंस के सहयोग से फैजाबाद निवासी आफताब को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उससे हुई पूछताछ और विवेचना के बाद कुछ और आईएसआई एजेन्ट एटीएस के रडार पर आए। इस मामले की रिपोर्ट गोमतीनगर थाने में दर्ज की गयी थी। आरोपी रमेश सिंह को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लखनऊ लाया गया है।

22 मई को सूचना के आधार पर टीमों ने पिथौरागढ़ में रेड किया. इस दौरान रमेश सिंह के घर तलाशी ली गई. पुलिस का दावा है कि पूछताछ में रमेश ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है. उसने राष्ट्र विरोधी कृत्यों के बारे में काफी जानकारी बताया है. एटीएस ने उसके पस से एक पाकिस्तानी मोबाइल फोन भी बरामद किया है, ​इसका इस्तेमाल वह आईएसआई से संपर्क करने में करता था. एटीएस को इस मोबाइल के डटा एक्ट्रैक्शन से महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है.

अरुण ने बताया कि रमेश ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए अपने राष्ट्र-विरोधी कृत्यों के बारे में काफी कुछ जानकारियां दी। उसके पास से एक पाकिस्तानी मोबाइल फ़ोन भी बरामद किया गया है। मोबाइल फोन उसे आईएसआई द्वारा संपर्क करने के लिए दिया गया था। इस मोबाइल का डाटा चेक करने के बाद महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद की जा रही है। अभियुक्त को कल पिथौरागढ़ की एक अदालत में पेश किया गया तथा जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया है।

गौरतलब है कि रमेश सिंह भारतीय उच्चायोग में नियुक्त एक अधिकारी के साथ घरेलू कार्य के लिए वर्ष 2015 में इस्लामाबाद गया था। रमेश अधिकारी के यहां खाना बनाने का काम करता था। वहां उसका संपर्क आईएसआई के लोगों से हुआ। आईएसआई ने उसको अपना एजेन्ट बना लिया। इसने वहां रहते हुए तमाम सूचनाएं लीक कीं जिसके लिए उसे डॉलर में धन मिलता था। जब यह छुट्टी में भारत आता था तो डॉलर साथ लाता था। दिल्ली में रुपये में परिवर्तित कर अपने गांव ले जाता था। रमेश को पाकिस्तानी आईएसआई अधिकारियों द्वारा भारत में जासूसी करने के लिए कहा गया और क्यू-मोबाइल ब्रांड का एक फ़ोन दिया गया।