लखनऊ: लखनऊ को नम्बर वन बनाने में भी पुस्तकों का योगदान हो सकता है। मेरे चुनाव लड़ने के समय लखनऊ की रैंकिंग 269 थी और तब मैंने मेयर बनने पर लखनऊ को नम्बर वन बनाने का संकल्प लिया था। इधर शहर में परिवर्तन आया है और अब लखनऊ बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है, पर जनसहयोग जरूरी है।

ये उद्गार यहां लखनऊ पुस्तक मेले के समापन समारोह मे महापौर संयुक्ता भाटिया ने मेला भ्रमण के बाद व्यक्त किए। संगीत नाटक अकादमी गोमतीनगर परिसर में 27 अप्रैल से चल रहा पुस्तक मेला आज अगले वर्ष तक के लिए विदा हो गया। महापौर ने यहां रिजर्व बैंक के एजीएम जयप्रकाश, आईकेयर के संस्थापक अनूप गुप्ता, अरुणिमा फाउण्डेशन, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, हिंदी संस्थान सहित, अनेक प्रकाशकों, चुने हुए स्टाल धारकों और मेले के सहयोगियों को स्मृतिचिह्न अंगवस्त्र इत्यादि देकर सम्मानित करते हुए कहा कि प्राचीन समय में भारत में जो तकनीकें थीं वे विदेशों से घूमकर भारत आ रही हैं। हल्दी, तुलसी हमारी धरोहर रहीं पर आज उनकी चीजें पेटेण्ट होकर फिर हमारे पास लौट रही हैं और हम खरीद रहे हैं। आज हमें अपनी संस्कृति और अपनी ऐसी धरोहरों को सहेजने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त बालिका स्वरा के नृत्य से प्रारम्भ व शीला पाण्डेय व ज्योति किरन के संचालन में चले समारोह में संरक्षक, टीपी हवेलिया, संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने विचार रखे। आभार निदेशक आकर्ष चंदेल ने व्यक्त किए। मेले में लगभग 63 लाख रुपये की पुस्तकों और सम्बंधित सामग्री की ब्रिकी हुई।

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ थीम पर चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले आज साहित्यप्रेमियों का साक्षात्कार काव्य रचनाओं से हुआ। यहां सांस्कृतिक मंच पर रेवान्त पत्रिका की ओर से अनीता श्रीवास्तव के संयोजन में ज्योति किरन सिन्हा, सरला शुक्ला, निर्मला सिंह की अवधी रचनाओं के संग ही अनेक कवियों की रचनाओं का आनन्द श्रोताओं ने लिया। पीसीआर की ओर से पर्यावरण पर केन्द्रित बाल ज्योति किरन रतन के संयोजन में चली चित्रकला कार्यशाला व प्रतियोगिता में शामिल बच्चों ने बिगड़ते पर्यावरण पर चित्र बनाकर अपनी अभिव्यक्ति उजागर की। प्रतियोगिता में ओमश्री अवस्थी, नील, सिद्धिश्री व अश्वित आदि बच्चों को पुरस्कृत किया गया।

इससे पहले दिन में आई केअर द्वारा मेले में संयोजित अंकुरम शिक्षा महोत्सव के समापन पर समारोह में कन्नौज आदि बाहर के जिलों से आए शिक्षक व छात्र-छात्राओं के साथ स्थानीय शिक्षक व विद्यार्थियों ब्रजकिशोर, रश्मि मिश्रा, सरिता गौतम, पूजा पाण्डेय, अदिति सिंह बिष्ट, अक्षिता त्रिपाठी, अनुपमा त्रिपाठी, दक्ष, माणिक सिंह, मणिका सिंह, स्वाति श्रीवास्तव, रोली शुक्ला, रंजना तिवारी, श्रेया द्विवेदी आदि को वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजशेखर से मेडल इत्यादि प्रदान कर सम्मानित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने इस तरह के आयोजनों की निरंतरता की आवश्यकता जतायी। महोत्सव में संस्थापक अनूप गुप्ता के साथ ही यूपी त्रिपाठी के संग आई केअर की पूरी टीम का सहयोग रहा। इसके साथ ही जितेश श्रीवास्तव के संचालन में यहां बच्चों-युवाओं ने अपनी मस्ती भरी प्रस्तुतियां दीं। शिक्षा पर आयोजित परिचर्चा में आज विशेषज्ञों के संग ही कुछ शिक्षण संस्थानों के अध्यापक-अध्यापिकाओं ने पर्यवेक्षक के तौर पर विचार प्रस्तुत किए।

मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि राजधानी में नई जगह साकार हुआ यह मेला उनके लिए नया अनुभव रहा। उनका इरादा अगले वर्ष लखनऊ पुस्तक मेला पहली से 10 फरवरी तक संयोजित करने का है। उन्होंने बताया कि सोलहवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले के लिए अपने चिर परिचित स्थल मोतीमहल लान राणाप्रताप मार्ग पर इस वर्ष 28 सितम्बर से सात अक्टूबर के मध्य किये जाने का निश्चय किया जा रहा है।