केंद्र सरकार लिखकर कहे तभी हटेगा जिन्ना का पोट्रेट

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र कैंपस में धरने पर बैठे हैं. इनकी मांग उन लोगों पर कार्रवाई की है, जिन्होंने पुलिस की मौजूदगी में एएमयू में जबरिया घुसने की कोशिश की. इस मामले पर एएमयू स्टूडेंट्स यूनियन के सचिव मो. फहद ने कहा कि एएमयू पर पिछले कुछ समय से लगातार हमले हो रहे हैं. ये हमला भी पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के 2 मई के कार्यक्रम को बर्बाद करने की साजिश था. फहद भी अन्य छात्र नेताओं के साथ पुलिस की कार्रवाई में घायल हो गए थे.

मोहम्मद फहद ने आरोप लगाया कि जिस समय हिंदू युवा वाहिनी के लोग जबरिया कैंपस में घुसने का प्रयास कर रहे थे, उस समय पूर्व उपराष्ट्रपति उस जगह से बमुश्किल 10 कदम की दूरी पर थे. उन्होंने आरोप लगाया कि ये सब कुछ पुलिस की मौजूदगी में हुआ. बाद में इस मामले को लेकर एफआईआर करने जा रहे हमारे नेताओं पर पुलिस के लोगों ने हमला कर दिया. हमारे सिर पर लाठियां बरसाई गई. हमने इसकी जांच की मांग की है. फहद ने कहा कि हम घायल हैं, लेकिन कमज़ोर नहीं, हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

छात्रनेता फहद ने कहा कि हम किसी के कहने से कुछ नहीं हटाएंगे, जिन्ना का पोट्रेट हटाने के लिए केंद्र सरकार को लिखकर देना होगा. पुलिस के लाठीचार्ज में 40-45 छात्र घायल हुए हैं, छात्रों पर टार्गेट करके हमला किया गया है. ये मुद्दा जिन्ना के पोट्रेट का नहीं है, टार्गेट एएमयू है.

एएमयू कैंपस में छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन पर बैठे छात्रों ने कहा कि वे अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन करेंगे. छात्रनेता मो फहद ने कहा कि सबसे पहले उन लोगों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की जाए जो पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर हमले की नीयत से आए थे. फहद ने कहा कि छात्रों पर हमला करने वाले पुलिस वालों से इस बाबत जवाब मांगा जाए कि उन्होंने किसके इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया. इस दौरान वहां मौजूद छात्र-छात्राओं ने कहा कि ये यूनाइटेड एएमयू है जो अब पीछे हटने वाला नहीं है.