लखनऊ: भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) उत्तर प्रदेश में अपनी भंडारण क्षमता को 12 लाख टन और बढ़ाएगा। एफसीआई उत्तर प्रदेश में 12 लाख टन भंडारण क्षमता के अत्याधुनिक स्टील साइलो बना रहा है। इनमें से सात लाख क्षमता के साइलों के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। केंद्र सरकार ऐसे छात्रावासों को बीपीएल की दरों पर खाद्यान्न की आपूर्ति करेगा जहां पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के दो तिहाई के ज्यादा छात्र रहते हों।

भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने गुरुवार को लखनऊ में बताया कि इस बार उत्तर प्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2018-19 के अंतर्गत गेहूँ खरीद 50 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है। अप्रैल माह में पिछले वर्ष की 9.04 लाख मीट्रिक टन गेहूँ खरीद की तुलना में इस वर्ष 19.03 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है, जोकि दोगुने से भी अधिक है। उन्होंने जानकारी दी कि भारत सरकार की मूल्य समर्थन योजना में हो रही खरीद में अब तक उत्तर प्रदेश के कुल 3,23,431 किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में कुल 3321 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है 7

इससे पहले खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 में भी कुल 4,92,913 कृषकों से 42.90 लाख मी.टन धान की रिकॉर्ड खरीद करते हुए 6,663 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया गया है 7

पासवान ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मार्च 2016 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफ़एसए) सभी 75 जनपदों में लागू होने से प्रदेश में कुल 14.98 करोड़ लाभार्थियों को वितरण हेतु 57.12 लाख टन गेहूँ एवं 38.88 लाख टन चावल की सालाना जरुरत होती है। इस योजना में लाभार्थियों को गेहूं 2 रुपये प्रति किलो एवं चावल 3 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है।

पासवान के मुताबिक उत्तर प्रदेश में गेहूँ के भंडारण के लिए कुल 12 लाख टन के अत्याधुनिक स्टील साइलो के निर्माण से संबंधी प्रक्रिया चल रही है। इन साइलो में तीन वर्षों से भी अधिक समय तक गेहूँ को सुरक्षित रखा जा सकता है 7 प्रदेश में तीन चरणों में साइलो निर्माण कार्य के अंतर्गत प्रथम एवं द्वितीय चरण में भारतीय खाद्य निगम व तृतीय चरण में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न स्थानों पर साइलो निर्माण कराया जाना है। अभी तक प्रथम व द्वितीय चरण में साइलो निर्माण हेतु स्थानों का चयन पूर्ण कर लिया गया है। तीसरे चरण में राज्य सरकार द्वारा 10 स्थानों पर कुल 5 लाख टन साइलो निर्माण के लिए स्थानों का चयन चल रहा है।