कानपुर: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा पाकिस्तानी संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को महापुरुष वाले के बाद, केशव प्रसाद मौर्य ने जिन्ना को भारत का दुश्मन बताया. उनसे जब जिन्ना की तारीफ वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि ये मामला पार्टी का है और पार्टी इस पर फैसला लेगी. आपको बता दें कि कानपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, इस तरह की बयानबाजी करना गलत है, क्योंकि देश के बंटवारे में जिन्ना का योगदान रहा है. डिप्टी सीएम ने कहा, 'जिन्ना देश के दुश्मन हैं, देश के किसी भी नागरिक के दिल में देश के दुश्मनों के लिए कोई जगह नहीं है.'

जिन्ना विवाद को लेकर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि जिन्ना भारत के महान पुरुष थे. बंटवारे से पहले जिन्ना का भी देश के लिए योगदान था. अपनी पार्टी के सांसदों और अन्य नेताओं पर हमला बोलते हुए मौर्य ने कहा था, 'चाहे उनकी ही पार्टी के सांसद या विधायक क्यों न हों ऐसी बयानबाजी करने वालों को वे घटिया किस्म का मानते हैं, क्योकि देश के बंटवारे के पहले जिन्ना का भी योगदान रहा है.'

स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर उन्हें पार्टी से निकालने की मांग तेज हो गई. राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने उन्हें पार्टी से निकाले जाने को लेकर कहा, स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये बयान देकर उत्तर प्रदेश सरकार और बीजेपी की छवि को देश में खराब किया है. उन्होंने ट्वीट करके स्वामी प्रसाद मौर्य से कहा कि वे देशवासियों से माफी मांगें. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि अगर वो ऐसा नहीं करते हैं, तो पार्टी उन्हें तत्काल प्रभाव से निकाल देना चाहिए.

साल 2005 में लालकृष्ण आडवाणी ने पाकिस्तान दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष नेता कहा था. लालकृष्ण आडवाणी के इस बयान के बाद बीजेपी समेत कई पार्टियों ने उनके बयान को देश विरोधी बताया था, जिसके बाद उन्हें पार्टी के अध्यक्ष पद से तुरंत इस्तीफा देना पड़ा था.