नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना की फोटो पर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों और प्रशासन से इस मुद्दे का संवेदनशील समाधान निकालते हुए तस्वीर को हटाने की अपील की है. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'जिन्ना की तस्वीर को हटाने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अड़ियल रुख नहीं अपनाना चाहिए'. उन्होंने कहा, 'हिन्दुस्तान के लोग जिन्ना को खलनायक के रूप में देखते हैं, इसलिए उस तस्वीर हटा देनी चाहिए.'

जिन्ना की तस्वीर पर मचे बवाल पर नकवी ने कहा, 'तस्वीर की वजह से एमएमयू प्रशासन और छात्रों की राष्ट्रभक्ति पर किसी तरह से सवाल नहीं उठाया जा सकता. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हमेशा से देश को मजबूत करने में योगदान देता आया है.' आपको बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि पाकिस्तान के संस्थापक से भारत के मुसलमानों का कोई लेनादेना नहीं है.

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बिना किसी कारण के इस तरह का विवाद खड़ा करना गलत है. उन्होंने कहा कि इस विवाद से किसी का भी सम्मान नहीं बढ़ रहा है. इस हंगामे से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की गरिमा को ठेस पहुंच रही है.

मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद बीजेपी सांसद और एएमयू कोर्ट मेंबर सतीश गौतम के सोमवार (30 अप्रैल) को एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर को पत्र लिखने से शुरू हुआ. सांसद ने पत्र में पूछा था कि किन कारणों से जिन्ना की तस्वीर लगी है और कहां-कहां? उन्होंने लिखा था कि जिन्ना भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के मुख्य सूत्रधार थे. इस पत्र के सुर्खियां बनने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जिन्ना की तस्वीर को लेकर बवाल शुरू हो गया. हालात को देखते हुए एएमयू को पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.