सुल्तानपुर । सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़िता ने न्याय पाने के लिए
मुख्यमंत्री से लेकर थाने की चैखट तक सिर पटक रही है लेकिन उसे न्याय
नहीं मिल रहा है । हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि मुख्यमंत्री से मिलने
के बाद भी उसे न्याय नहीं मिल रहा है। अब उसे गैंगरेप आरोपियों से जीवन
भय पैदा हो गया है। जिसके चलते वह अपना घर बार छोड़कर यहां-वहां छुपती घूम
रही है।

यह घटना जिले के करौदीकला थाना क्षेत्र के एक गांव की है। जहां
इसी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली एक महिला के साथ जब वह शौच के
लिए गयी थी तीन लोगों ने 21 अक्टूबर 2017 को सामूहिक रूप से जबरदस्ती
दुष्कर्म की घटना को अंजाम दे दिया। यह घटना तब हुई जब वह महिला शौच के
लिए गई थी। सामुहिक दुराचार की शिकार महिला ने दुराचारियों पर रिपोर्ट
दर्ज कराने के लिए थाने पर तहरीर दी। पहले तो पुलिस ने घटना को फर्जी
बताकर मामले को टालना चाहा। लेकिन जब महिला अड़ी रह गई तो पुलिस ने
आरोपियों को बुलाकर सुलह समझौता कराने की असफल कोशिश भी की। लेकिन जब बात
नहीं बनी तो पुलिस ने आरोपियों को रोककर पीड़िता को थाने से भगा दिया।
पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत के
आदेश पर करौंदीकला थाने की पुलिस ने 01मार्च 2018 को मुकदमा अपराध
संख्या-25/18 पर धारा 376(डी )504, 506 भादवि सहित अन्य धाराओं में
मुकदमा दर्ज किया। लेकिन मुकदमा दर्ज कर लेने के बाद भी आरोपियों तक
पुलिस के हाथ नहीं पहुंचे। पुलिस की आरोपियों से नजदीकियों की वजह से
पीड़िता को जान से मार देने की धमकी भी मिलने लगी। इससे निराश पीड़िता
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अधिकारियों के यहाँ चक्कर लगाने लगी, लेकिन
आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। न्याय के लिए दर-दर भटक रही गैंगरेप
पीड़िता मुख्यमंत्री से भी मिली। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद भी आरोपियों
की गिरफ्तारी नहीं हुई। यहां पीड़िता कभी जिलाधिकारी तो कभी पुलिस अधीक्षक
की चैखट पर न्याय पाने के लिए सिर पटक रही है। लेकिन अंधे बहरे प्रशासन
को पीड़िता की चीखें नहीं सुनवाई दे रही हंै। अब व्यवस्था पर यह सवालिया
निशान लग रहा है कि आखिर पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं कर रही
है ? दूसरे यह कि क्या पीड़िता के सारे आरोप झूठे हैं, या फिर आरोपी इतनी
पहुंच और पैसे वाले हैं कि प्रशासन और मुख्यमंत्री का निर्देश भी बौना
साबित हो रहा है।