श्रेणियाँ: उत्तर प्रदेश

sultanpur: खेतों में फसलों के अवशेष नहीं जला सकेंगे किसान

बिना भूसा बनाने वाली कम्बाइन मशीनों पर होगी कार्यवाही

सुल्तानपुर । खेतों में किसानों द्वारा फसलों के अवशेष जलाने पर
अधिकारियों ने रोक लगा दी है । अधिकारियों का कहना है कि खेतों में फसलों
के अवशेषों को जलाने से वायु प्रदूषण तो होता ही है साथ ही कई तरह की
गम्भीर बीमारियां भी हो रही हैं। इससे निकलने वाले धुओं से आखों में जलन
और पानी आना सामान्य है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया
कि खेतों में जलाई जाने वाली फसलें वायु प्रदूषण का कारक उसी तरह बनती
हैं जैसे मोटर गाड़ियों व ईंट भट्ठों तथा इंजनों से निकलने वाले धुओं से
वायु प्रदूषण को खतरा पैदा होता है। इनमें वायु प्रदूषण के लिए सबसे
ज्यादा घातक वाहनों से निकलने वाला धुंआ भी मुख्य कारण है।

इन दिनों रबी की फसलों की कटाई का कार्य जोरों से किया जा रहा है।
शुरूआती दौर में मौसम की बेरूखी देख किसान गेहूं काटने वाले संयंत्रों का
प्रयोग कर रहे हैं। प्रायः देखा जाता है कि कृषक अपने खेतों से कम्बाईन
इत्यादि मशीनों से फसल काटने के बाद फसलों के अवशेषों को खेतों में ही
जला देते है। फसल अवशेषों को खेतों में जलाने से मुख्यतः तीन खतरे रहते
हैं। जहां एक ओर वायु प्रदूषण के कारण पर्यावरण प्रदूषित होता है वही
दूसरी ओर मिट्टी की उर्वराशक्ति भी क्षीण होती जाती है। तीसरे आस-पास के
खेतों में आगजनी का खतरा भी रहता है। सरकार और न्यायालय के आदेश के बाद
भी फसल अवशेष जलाये जाने की स्थिति में भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान
किया गया है। इसके तहत व्यक्ति को 02 एकड़ क्षेत्रफल पर रू0 2500.00 प्रति
2 एकड़ से 05 एकड़ तक रू0 5000.00 प्रति एवं 5 एकड़ से अधिक होने पर रू0
15000.00 प्रति घटना अर्थदण्ड का भुगतान करना होगा। फसलों के अवशेष जलाने
और वायु प्रदूषण से निपटने के लिए शासन द्वारा कम्बाईन हार्वेस्टिंग
मशीनों पर स्ट्रारी पर (भूसा बनाने वाली मशीन) का लगाना अनिवार्य कर दिया
गया है। साथ ही साथ इसके लिये कम्बाइन मशीन मालिकों को उत्तरदायी बना
दिया गया है। रीपर का प्रयोग न करने पर कम्बाइन मालिकों पर कानूनी
कार्यवाही की जायेगी। दिन प्रति-दिन बढ़ते जा रहे वायु पर्यावरण प्रदूषण
पर अंकुश लगाने के लिए खेतों में गेहूँ व अन्य फसलों की कटाई के पश्चात
बचे हुए अवशेषों को जलाने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही किये जाने के
निर्देश दिये गये है। उक्त कार्य की निगरानी का दायित्व जनपद के पुलिस
अधीक्षक को सौपा गया है। जिसमें निर्देश दिये गये है कि जनपद के
थानाध्यक्षों के माध्यम से निगरानी रखी जाये। जनपद के समस्त कृषकों से
अपील की गई है कि वे अपने खेतों में कृषि अवशेषों को कदापि न जलायें
बल्कि खेतों में कम्पोष्ट गड्ढे बनाकर फसल अवशेषों को सड़ाये तथा गेहूँ की
कटाई में भूसा बनाने वाली मशीनों का ही प्रयोग करें।

Share

हाल की खबर

समाजवादी शहजादे ने एक नई बुआ की शरण ली है, बाराबंकी में PM मोदी ने अखिलेश पर कसा तंज

ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी:यूपी के बाराबंकी लोकसभा सीट व मोहनलालगंज लोकसभा सीट पर चुनाव…

मई 17, 2024

पिपरसंड ग्रामपंचायत में शुरू होने के लिये तैयार डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक

लखनऊ।उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निवेश को लेकर हुये एमओयू के बाद राज्य के ग्रामीणों…

मई 17, 2024

स्वाती मालीवाल के साथ दुर्व्यवहार निंदनीय- दारापुरी

आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाती मालीवाल के साथ दिनांक…

मई 17, 2024

राबर्ट्सगंज सीट पर भाजपा के विरुद्ध जनता लड़ रही है चुनाव

दुद्धी, सोनभद्र:देश की आर्थिक संप्रभुता को क्षति पहुंचाने, समाज के मैत्री भाव को नष्ट करने…

मई 16, 2024

बाराबंकी में राहुल गाँधी 18 मई को तनुज पुनिया के लिए मांगेंगे वोट

ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी में सियासत कभी देवाँ में जो रब है वही राम…

मई 16, 2024

बाराबंकी में ऑक्सीजन फैक्ट्री में ब्लास्ट 1 कर्मचारी की मौत

ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी । ऑक्सीजन प्लांट में ब्लास्ट हो गया। जिसमें की एक…

मई 13, 2024